आ गई आर्थिक वैक्सीन?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि पिछली शताब्दी से अलग बजट होगा ये बजट।

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वित्त वर्ष 2020-21 का स्वीकृत बजट लगभग 30 लाख करोड़ का था। लेकिन इस बार महामारी को देखते हुए अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के कारण आशाएं बहुत हैं। विभिन्न सेक्टरों के लिए कई घोषणाएं होने की आशा है जिससे देश की अर्थव्यवस्था को आर्थिक वैक्सीन मिल पाए।

बजट के पहले वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने पूजा-पाठ की। इस बार बजट में आत्मनिर्भर पैकेज की बात उन्होंने कही है यानी बजट में देश के लघु-मध्यम उद्योगों को बहुत कुछ मिल सकता है। देश की सबसे अधिक जनसंख्या की रोटी इन्हीं उद्योगों पर निर्भर है।

 

महामारी काल में वैसे केंद्र सरकार की ओर से बहुत सारी योजनाओं पर व्याय का दायरा बढ़ाया गया है। जिसमें मनरेगा के अंतर्गत कार्य वितरण व आर्थिक सहाय राशि, गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था, निम्न व मझले उद्योगों के लिए धन की उपलब्धता आदि।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहले ही कह चुकी हैं कि पिछली शताब्दी से अलग बजट होगा ये बजट। इस बजट में निवेशकर्ताओं की निगाह 15वें वित्त आयोग की रपट पर भी टिकी हैं। इस रपट में कुल 108 अनुशंसाएं हैं। जिसके द्वारा इसके निर्धारण को बल मिलेगा कि केंद्र व राज्य सरकार के मध्य कर और श्रोतों का बंटवारा कैसा होगा।

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