उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नवाबी युग के ऐतिहासिक किलों को हेरिटेज होटल का रूप देने जा रही है। इस नीति के तहत लखनऊ में छतर मंजिल, बिठूर में टिकैत राय बारादरी, मिर्ज़ापुर में चुनार किला, झाँसी में बरुआ सागर किला, बरसाना, मथुरा में जल महल, कोठी गुलिस्तान और दर्शन विलास और कानपुर में शुक्ल तालाब शामिल हैं।
इस बदलाव का प्रारूप बताते यूपी की योगी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इन हेरिटेज इमारतों को निजी कंपनियों को 90 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाएगा। निजी कंपनियों को इन इमारतों की मूल संरचना में किसी भी तरह के बदलाव करने का अधिकार नहीं होगा। प्रस्तावों के मुताबिक जो विरासत भवन 75 फीसदी तक बर्बाद हो चुके हैं, उन्हें मरम्मत और रीमॉडलिंग के बाद होटल में बदलने के लिए लीज पर भी दिया जाएगा।
सरकार की इस नीति के अनुसार पर्यटन विभाग के 10 गेस्ट हाउस भी निजी क्षेत्र को सौंपे जाएंगे। इनमें सोनौली महराजगंज, बटेश्वर आगरा, बांदा के कालिंजर, मथुरा में दो, नैमिष सीतापुर, सांडी हरदोई और देवगढ़ भदोही के एक-एक गेस्ट हाउस शामिल हैं। ये गेस्ट हाउस निजी क्षेत्र को 62 साल की लीज पर दिए जाएंगे। यूपी सरकार इन गेस्ट हाउसों को लीज पर देने के लिए ई-टेंडर जारी करेगी।
गौरतलब हो कि यूपी की योगी सरकार ने अपनी नई पर्यटन नीति के तहत पुराने महलों, हवेलियों और ऐतिहासिक इमारतों को हेरिटेज होटलों में बदलने के लिए अनुदान, रियायतें और प्रोत्साहन की घोषणा पहले ही कर चुकी है।
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