अमेरिका और नाटो देशों की ओर से यूक्रेन को दिए गए टैंक भेदी सैन्य साजो-सामान और जेवलिन मिसाइलें कीव और खारकीव की ओर बढ़ रही रूसी टैंकों के काफिले को रोक पाने में कारगर सिद्ध हो रही हैं। अमेरिकी जेवलिन मिसाइलों से यूक्रेन के सैनिकों के हौसले बुलंद हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के निर्देश पर यूक्रेन को 17000 टैंक भेदी सैन्य सामान, गोला-बारूद के साथ जेवलिन मिसाइलें दी गई हैं।
ये सभी सैन्य सामान पौलैंड और रोमानिया की सीमा पर एक बड़े मिलिट्री कार्गो से यूक्रेन को सप्लाई की गई हैं। पेंटागन अधिकारियों की मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के निर्देश पर यूक्रेन को पिछले सात दिनों में 35 करोड़ डॉलर के सैन्य सामान का तीन चौथाई दिया जा चुका है।
बाइडन ने 26 फरवरी को इससे संबंधित निर्देश दिया था। बताया जाता है कि जेवलिन मिसाइल कीव को घेरे हुए रूसी टैंकों पर कारगर सिद्ध हो रही हैं।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार यह सभी सैन्य सामान पिछले सप्ताह उस समय दिया गया, जब रूसी सैनिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में व्यस्त थे।
मीडिया में प्रसारित खबरों में कहा गया है कि युनाइटेड स्टेट साइबर कमाण्ड, जिसे साइबर टीम के नाम से पुकारते हैं रूस के डिजिटल हमलों पर भी नजर रखे हुए है। यह टीम रूसी खुफिया संचार माध्यमों पर भी नजरें गड़ाए हुए है और स्टेटलाइट से रूसी मिलिट्री के आवागमन और उनकी सैन्य गतिविधियों की पल-पल की खबरों का जायजा लिया जा रहा है।
बताया जाता है कि इन्हीं संचार माध्यमों से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर खुद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के लगातार सम्पर्क में हैं। जेलेंस्की ने 5 मार्च की रात को बाइडन से 35 मिनट बातचीत की थी। इस बातचीत में जेलेंस्की ने एक बार फिर नो फ्लाई जोन, लड़ाकू विमान की नई खेप पहुंचाने और रूस की ऊर्जा सप्लाई बंद किए जाने का आग्रह किया।
बताया जाता है कि बाइडन ने पोलैंड के राष्ट्रपति से आग्रह कर रूस से आयातित मिग विमानों की एक खेप यूक्रेन को दिए जाने का आग्रह किया था। यूक्रेन के पायलट इन विमानों को चलाने में माहिर बताए जाते हैं।
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