अमेरिकियों पर था वो ‘माइक्रोवेव अटैक’!

अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी सीआईए और राजनयिकों पर 'निर्दिष्ट माइक्रोवेव विकिरण' के हमले के पीछे रुसी गुप्तचरों का हाथ होने का आरोप लग रहा है।

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अमेरिकी राजनयिक एक रहस्यमयी बीमारी से ग्रसित थे। इन्हें सिर में चोट, स्मरण क्षीणता समेत कई दिक्कतें होने लगीं थी। जिसकी जांच अमेरिकी सरकार ने नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज को दे दी थी। इसकी एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें पाया गया है कि ये राजनयिक ‘निर्दिष्ट माइक्रोवेव विकिरण’ से बीमार पड़े थे।

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ये घटना 2017 की है जब मार्क लेन्जी नाम के एक अमेरिकी राजनयिक जो चीन के गुआन्गझोऊ में तैनात थे अचानक एक रहस्यमयी बीमारी से बीमार पड़ गए। उन्हें सिर दर्द, पढ़ने में परेशानी, स्मरण शक्ति क्षीणता और नींद नहीं आने की समस्या थी। उनकी समस्या का पता लगाने के लिए मस्तिष्क का एमआरआई स्कैन किया गया। इस रिपोर्ट में पता चला कि उनके मस्तिष्क के 20 हिस्सों का घनत्व काफी कम हो गया है, विशेषकर वह भाग जो स्मरण शक्ति, संवेदनाओं को नियंत्रित करता है वो प्रभावित हुआ था। उनके मस्तिष्क के तीन हिस्सों का घनत्व बढ़ा हुआ पाया गया। वैज्ञानिकों का कहना था कि दिमाग के कई हिस्सों का कम घनत्व होना मस्तिष्क की चोट के संकेत हो सकते हैं।

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गुप्तचरों पर गुप्त अटैक

अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी सीआईए और राजनयिकों पर ‘निर्दिष्ट माइक्रोवेव विकिरण’ के हमले के पीछे रुसी गुप्तचरों का हाथ होने का आरोप लग रहा है। द टाइम्स और जीक्यू पत्रिका ने अक्टूबर में एक रिपोर्ट फाइल की थी। अधिकारी विदेशी गुप्तचर एजेंसियों के साथ रूस के गुप्त अभियानों का मुकाबला करने के लिए यात्रा कर रहे थे।

राजनयिकों को लेना पड़ गया रिटायरमेंट

इसके अलावा 2016 में हवाना में अमेरिकी दूतावास, चीन और क्यूबा में कई अधिकारियों को चक्कर आना, थकान, सिरदर्द, सुनाई न देने, स्मृति क्षीणता और संतुलन की कमी का सामना करना पड़ा था। इसके कारण कई कर्मचारियों को लंबे समय इलाज तो कई को स्थायी सेवा निवृत्ति लेनी पड़ी था।

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