Uttar Pradesh: योगी राज में सुरक्षित हैं बेटियां! अब अपराधियों की खैर नहीं

एक समय था जब उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, लेकिन अब राज्य सरकार इन मामलों से निपटने में नंबर वन है।

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  • अमन दुबे

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी सरकार से पहले न तो राज्य का विकास हुआ और न ही लोगों की सुरक्षा। राज्य में गुंडों का राज इस कदर था कि बच्चे, बूढ़े सभी वर्ग के लोग डरते थे। 2017 में हवा बदली और उत्तर प्रदेश का विकास शुरू हुआ। धीरे-धीरे एक-एक करके गुंडा राज भी खत्म हो गया। और यूपी में योगी सरकार आने से लोगों को सिर ऊंचा करने का मौका मिला।

एक समय था जब उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे थे, लेकिन अब राज्य सरकार इन मामलों से निपटने में नंबर वन है। अब अपराधियों के मन में कार्रवाई का भय है। सीएम योगी ने राज्य में गुंडों पर अंकुश लगाने के लिए सबसे पहले की गई कार्रवाई एंटी रोमियो स्क्वॉड इसका एक बड़ा उदाहरण है।

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महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों के समाधान में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। इस दौरान 98 प्रतिशत से ज्यादा मामलों का समाधान किया गया है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए 181 सेवा उपलब्ध है, जबकि राज्य के बाहर के अपराधों के लिए 1090 सेवा दी जाती है। इन सभी सेवाओं को 112 के साथ एकीकृत किया गया है। इतना ही नहीं, राज्य में हर जिले में एक महिला थाना स्थापित करने के साथ ही एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थाना प्रभारी को दी गई है। प्रदेश के 1585 थानों में अलग से महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं।

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योगी ने सपा के आरोपों को किया खारिज
यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार (30 जुलाई) को सदन की कार्यवाही शुरू हुई। प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक डॉ. रागिनी सोनकर ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर सवाल उठाया। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया कि 2016 की तुलना में 23-24 में दहेज की घटनाओं में 17.5 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म में 25.30 प्रतिशत की कमी आई है। लेकिन 17 से 2024 तक देखें तो महिला और बाल उत्पीड़न के 24402 आरोपियों को सजा दिलाई गई। 2022 से 2024 के बीच 16718 को सजा दिलाई गई।

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पहले की सरकार के समय थी अराजकता
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर हिंदुस्थान पोस्ट ने प्रयागराज के कौशाम्बी जिले के लोहाकट गांव की महिला सीख पांडेय से बात कि तो उन्होंने बताया कि भाजपा और योगी सरकार आने के बाद अब हम सिर ऊंचा करके बाजारों में चल सकती हैं। पिछली सरकार में हम महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती थीं। बसों में सफर करते समय लड़के हमें बुरी नीयत से देखते थे। प्रदेश में इतनी उपद्रव था कि राह चलते लोगों को मारा जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब जैसे-जैसे प्रदेश का विकास हो रहा है, प्रदेश की महिलाएं भी विकास कर रही हैं।

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यूपी नंबर वन
इन्वेस्टिगेशन ट्रैकिंग सिस्टम को लेकर भारत सरकार द्वारा तैयार पोर्टल को योगी सरकार ने 2018 में ही सक्रिय कर दिया है। इसके तहत प्रदेश में समुचित मॉनिटरिंग की गई है, जिसके परिणामस्वरूप पेंडेंसी रेट में तेजी से कमी दर्ज की गई है। पेंडेंसी रेट में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है, जबकि इन मामलों में अपराधियों को सजा दिलाने के मामले में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। ई-प्रॉसिक्यूशन में उत्तर प्रदेश देश में पहले नंबर पर है।

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महिला पुलिसकर्मियों की दोगुनी भर्ती
योगी सरकार 2020 से ही उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ा रही है। मिशन शक्ति के तहत पिछले 7 सालों में करीब डेढ़ लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है। 2017 से पहले कुल 10 हजार महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती होती थी। 2017 से 2023 तक जो भर्तियां हुई हैं, उनमें 20 हजार महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है। यानी आजादी के 70 सालों में जितनी भर्तियां हुई हैं, उससे दोगुनी भर्तियां पिछले 5 सालों में हुई हैं।

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समाधान पर विशेष ध्यान
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों के समाधान में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। इस दौरान 98 प्रतिशत से ज्यादा मामलों का समाधान किया गया है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए 181 सेवा उपलब्ध है, जबकि राज्य के बाहर के अपराधों के लिए 1090 सेवा दी जाती है। इन सभी सेवाओं को 112 के साथ एकीकृत किया गया है। इतना ही नहीं, राज्य में हर जिले में एक महिला थाना स्थापित करने के साथ ही एक अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी महिला थाना प्रभारी को दी गई है। प्रदेश के 1585 थानों में अलग से महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं।

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सीएम ने सपा समर्थकों पर कसा तंज
विधानसभा की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी ने आगे कहा कि मिशन शक्ति का कार्यक्रम लगातार चल रहा है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। सरकार ने सबसे पहले एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन किया, जिसका सबसे पहले सपा ने विरोध किया। ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे ज्यादा सपा के लोग शामिल हैं। वे उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो कहती थी, लड़के तो लड़के होते हैं और उनसे गलतियां हो जाती हैं। वे महिला सुरक्षा की बात कैसे करेंगे? समाजवादी पार्टी खुद महिला सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले की सरकारें इतनी संवेदनशील नहीं थीं। अब पोर्टल सक्रिय हो गया है। महिलाओं से जुड़े लंबित मामलों के निस्तारण में यूपी देश में दूसरे स्थान पर है। यह सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर है। सपा कहीं न कहीं महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल है। सपा के लोग खुद महिलाओं के लिए खतरा हैं।

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