Uttar Pradesh: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 अप्रैल को समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उनके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर कार्रवाई की है। भाई कुशल शंकर तिवारी ने बताया कि ये सब सरकार के इशारे पर हो रहा है।
कई स्थानों पर मारा था छापा
इससे पहले ईडी ने उनकी कंपनी मेसर्स गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लखनऊ, गोरखपुर, मुम्बई समेत कई जगहों पर छापा मारा था। कार्रवाई के दाैरान दावा है कि कराेड़ाें रुपये की संपत्ति और धांधली से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य हाथ लगे हैं। ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। ये कार्रवाई बैंक आफ इंडिया के कलस्टर से 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले की गई है।
सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, उनकी कंपनी मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने अपने, निदेशकों, गारंटरों, प्रमोटरों संग मिलकर बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा ली थी। बैंकों को पैसे वापस न करने की बजाए कंपनी ने अन्य सहयोगी कंपनियों में डायवर्ट कर दिया था। इससे बैंकों करीब 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
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कुल 27 संपत्तियां की गई थीं जब्त
बैंकों की शिकायत पर सीबीआई मुख्यालय में कंपनी के मुखिया पूर्व विधायक विनय शंकर और कंपनी के समस्त निदेशक, प्रमोटर और गारंटर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। वर्ष 2023 में ईडी के जोनल कार्यालय ने विनय शंकर तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ स्थित कुल 27 संपत्तियों को जब्त किया था। ये संपत्ति करीब 72.08 करोड़ रुपये की आंकी गई थी।