Uttar Pradesh: संभल पर दंगल, सपा का षड्यंत्र? यहां पढ़ें

इस घटना के बाद संभल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। इस हिंसा में शामिल 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बड़ी संख्या में आरोपी अभी भी फरार हैं।

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-अमन दुबे

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संभल जिले (Sambhal district) में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पिछले सप्ताह जिले में शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) के सर्वे के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा (violence during survey) भड़क उठी थी। इसमें 4 लोगों की मौत (4 people died) हो गई थी और कई लोग और पुलिसकर्मी घायल (policeman injured) हो गए थे।

इस घटना के बाद संभल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। इस हिंसा में शामिल 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और बड़ी संख्या में आरोपी अभी भी फरार हैं।

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मुस्लिम समुदाय का षड्यंत्र
गौरतलब है कि 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मस्जिद के सर्वे के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर हंगामा किया था। सर्वे करने गई टीम पर लोगों ने हमला कर दिया था। उन पर पथराव किया गया था। इसमें पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी घायल हुए थे। इस दौरान फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी।

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संभल हिंसा के पीछे कौन?
हिंदूवादी सायली लूकतुके ने कहा कि कुछ विपक्षी नेता बेतुकी बयानबाजी कर आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। इससे संभल में हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ सकते हैं। नेताओं को संभल हिंसा को लेकर बेतुकी बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्हें सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखना चाहिए। पुलिस संभल हिंसा की जांच कर रही है। जांच के बाद साफ हो जाएगा कि संभल हिंसा के पीछे कौन है।

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विपक्ष की रोटी सेंकने की कोशिश
संभल हिंसा को लेकर विपक्ष उत्तर प्रदेश समेत देश की सियासत में भाजपा और योगी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन ने संभल पर नियंत्रण बनाए रखा है। इसके चलते समाजवादी पार्टी और विपक्ष के नेता आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में सफल नहीं हो पा रहे हैं।

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कैसे हुई इतनी बड़ी घटना?
दरअसल, कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी महाराज ने दावा किया है कि संभल की जामा मस्जिद कथित तौर पर हरिहर मंदिर है। ऋषिराज गिरी महाराज ने पिछले दिनों सिविल कोर्ट में याचिका दायर कर सर्वे की मांग की थी। इस याचिका पर कोर्ट ने सात दिन के अंदर सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा था।

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सर्वे के दौरान पथराव
इसी सिलसिले में कोर्ट के आदेश पर 24 नवंबर की सुबह सर्वे के लिए टीम जामा मस्जिद पहुंची। सर्वे टीम को देखकर मौके पर लोगों की भीड़ जुटने लगी। अधिकारियों के अनुसार, सर्वे का काम सुचारू रूप से चल रहा था। इस बीच मस्जिद के बाहर मौजूद भीड़ ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई।

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सपा नेता ने लोगों को भड़काया!
पुलिस ने हिंसा मामले में कुल 12 एफआईआर दर्ज की हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में 14 साल से लेकर 72 साल तक के आरोपी शामिल हैं, जिन पर गंभीर धाराओं में आरोप लगाए गए हैं। एक एफआईआर में पुलिस ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है।

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सपा सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज
हिंसा को लेकर संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक के बेटे के खिलाफ दर्ज एफआईआर के बारे में कमिश्नर ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मामला 19 तारीख को जुमे के दिन उनकी गतिविधियों के आधार पर है। लोगों से पूछताछ के बाद सांसद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि हम सबूतों के आधार पर साबित करेंगे कि ये लोग इन गतिविधियों में शामिल रहे हैं।

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न्यायिक जांच आयोग का गठन
सीएम योगी सरकार ने संभल हिंसा की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। जस्टिस डीके अरोड़ा के नेतृत्व में बना आयोग दो महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

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आरोपियों पर लगेगा रासुका
संभल में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सख्त हैं, उन्होंने पत्थरबाजों और उपद्रवियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हिंसा के आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लगाया जाएगा। हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि इन लोगों के पास इतने पत्थर कहां से आए, क्योंकि इतने पत्थर चंद मिनटों में इकट्ठा नहीं किए जा सकते। इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है, इसकी भी जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि भीड़ को उकसाने और हिंसा की साजिश रचने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

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निचली अदालत की सुनवाई पर रोक
संभल की जामा मस्जिद का विवाद अब कानूनी दायरे में है। कोर्ट का फैसला तय करेगा कि इस विवाद का समाधान कैसे होगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (29 नवंबर) को सुनवाई करते हुए कहा कि निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दी गई है। जब तक हाईकोर्ट इस मामले पर कोई आदेश नहीं देता, तब तक निचली अदालत की सुनवाई पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट 6 जनवरी से शुरू हो रहे सप्ताह में इस मामले की फिर सुनवाई करेगा।

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