Uttar Pradesh: झांसी में NIA की छापेमारी, मुफ्ती खालिद को हिरासत में लिया

एनआईए और यूपी एटीएस की यह संयुक्त कार्रवाई ऑनलाइन विदेशी फंडिंग के मामले में हुई है।

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Uttar Pradesh: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) (एनआईए) और यूपी एटीएस (UP ATS) की संयुक्त टीम ने 12 दिसंबर (गुरुवार) को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी जिले (Jhansi district) में छापा मारकर महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए और शहर काजी के भतीजे मुफ्ती खालिद नदवी (Mufti Khalid Nadvi) को हिरासत में लिया (detained)। खालिद को हिरासत में लेने के लिए एनआईए को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

सूत्रों ने बताया कि एनआईए और यूपी एटीएस की यह संयुक्त कार्रवाई ऑनलाइन विदेशी फंडिंग के मामले में हुई है। एनआईए और यूपी एटीएस ने बुधवार रात 2.30 बजे सुपर कॉलोनी में मुफ्ती के घर छापा मारा।

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आठ घंटे तक घर में तलाशी और पूछताछ
टीम ने आठ घंटे तक घर में तलाशी और पूछताछ की। इस पर मस्जिद में ऐलान किया गया और बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुषों ने एनआईए व एटीएस की टीम का विरोध जताते हुए धक्का-मुक्की की। गुरुवार सुबह जब मुफ्ती को हिरासत में लेकर टीम घर से बाहर निकलने लगी तो समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। टीम ने समझाने की कोशिश की, लेकिन मुफ्ती के समर्थक उग्र हो गए। देखते ही देखते वहां 200 से अधिक लोग जमा हो गए। भीड़ मुफ्ती को छुड़ाकर ले जाने लगी। एनआईए ने लोगों को खदेड़ने की कोशिश की। इस बीच झड़प और धक्का-मुक्की हुई। लोग मुफ्ती को खींचकर साथ ले गए। इस दौरान हंगामा कर रहे लोगों को समझाया, फिर सभी माने। पुलिस को इसमें करीब तीन घंटे का वक्त लग गया। तब कही एनआईए व एटीएस की टीम नदवी को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए पुलिस लाइन जा पहुंची।जिस कॉलोनी में मुफ्ती का घर है, वह मुस्लिम बाहुल्य है।

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3 बजे दरवाजा खटखटाया
मुफ्ती खालिद नदवी ने बताया कि एनआईए ने रात 3 बजे दरवाजा खटखटाया। डर के मारे दरवाजा नहीं खोला, फिर चाचा को फोन किया। थोड़ी देर में चाचा आए। इसके बाद दरवाजा खोला। टीम ने घर को चेक किया। कवर्ड में रखी गईं किताबों को देखा। एक-एक किताब के बारे में पूछताछ की। किताब लिखने वालों के बारे में पूछा। मेरा पासपोर्ट जब्त कर लिया। मेरा वीजा देखा। मैं अक्टूबर में हज करने गया था, तो उसके बारे में पूछा। टीम ने वॉट्सऐप चैट चेक किया। नंबरों के बारे में जानकारी ली। छात्रों के एडमिशन के फॉर्म भी देखे। उसने यह भी बताया कि मैं 11 साल से ऑनलाइन पढ़ा रहा हूं। मेरी फीस 50 रुपये से 1500 रुपये तक है। टीम ने विदेशी फंडिंग के बारे में पूछा कि आपने बाहर रुपये ट्रांसफर किए? जवाब में मैंने कहा-ऐसी कोई बात नहीं है।

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