उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पुलिस (Police) अपराध के खिलाफ कमर कस रही है। जघन्य अपराधों (Heinous Crimes) में शामिल अपराधियों (Criminals) को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए पुलिस ने प्रदेश में ऑपरेशन कन्विक्शन (Operation Conviction) शुरू किया है। इसके तहत पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार (Arrested) कर सबूत जुटाएगी और उन्हें कड़ी सजा देगी। योगी सरकार ने इसके लिए नई कार्ययोजना तैयार की है। अभी यूपी में अभियुक्तों की गिरफ्तारी, वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत करने और न्यायालय में प्रभावी पैरवी कर कड़ी सजा दिलाने का कार्य किया जा रहा है। इस पर और बल देते हुए मिशन मोड में कार्रवाई करने के उद्देश्य से एक नई कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसे ऑपरेशन “कन्विक्शन” नाम दिया गया है। इस कार्ययोजना के तहत पॉक्सो एक्ट के तहत सभी आरोपों के अलावा बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती, धर्म परिवर्तन, गोहत्या जैसे अपराधों को भी शामिल किया गया है।
बता दें कि “कन्विक्शन” के तहत प्रत्येक कमिश्नरेट/जिला पॉक्सो एक्ट के अलावा उपरोक्त श्रेणियों के 20-20 अपराधों को चिह्नित करेगा। चिन्हित अपराधों से सम्बन्धित अभियोगों में उत्कृष्ट और समयबद्ध विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जायेगा। बता दें कि आरोप पत्र भेजने के बाद 3 दिन के अंदर आरोप तय कर दिया जाएगा और 30 दिन के अंदर मुकदमे की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। गवाहों और सामान को समय पर न्यायालय में प्रस्तुत कराने की जिम्मेदारी संबंधित थाना प्रभारी और कमिश्नरेट/जिला प्रभारी की होगी। दूसरी ओर, जिला प्रभारी अपने कमिश्नरी/जिले की मॉनिटरिंग सेल की बैठक में जिला न्यायाधीश से संपर्क करते हैं और दिन-प्रतिदिन के आधार पर पहचाने गए आरोपों की सुनवाई करते हैं। इसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही संबंधित कमिश्नरेट/जिला प्रभारी द्वारा चिन्हित किये गये प्रकरणों में जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने के लिए एफएसएल से ही समन्वय स्थापित किया जायेगा।
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इसके अलावा चिन्हित मामलों में अभियोजन की निगरानी के लिए प्रत्येक कमिश्नरेट/जिला प्रभारी कार्यालय में एक अधिकारी के अधीन एक निगरानी सेल स्थापित किया जाएगा। इसके बाद मॉनिटरिंग सेल अभियोगों की प्रतिदिन की कार्यवाही की समीक्षा कर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। पुलिस मुख्यालय में चिन्हित अभियोगों की साप्ताहिक समीक्षा के लिए एक वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है, ताकि मुख्यालय के वरीय अधिकारियों द्वारा की गयी कार्रवाई की नियमित निगरानी की जा सके।
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