Uttar Pradesh: 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश, जानें अदालत ने क्या कहा

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को तय की है। कोर्ट ने राज्य सरकार और दोनों पक्षों से लिखित दलीलें पेश करने को कहा है।

387

Uttar Pradesh: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को यूपी के 69,000 शिक्षक भर्ती मामले (UP’s 69,000 teacher recruitment case) में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले पर रोक लगा दी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice of India) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली बेंच सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों की ओर से दायर मामले की सुनवाई कर रही थी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा, “हमने हाईकोर्ट का फैसला देखा है। हम आप में से किसी एक की बात सुनेंगे।” इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को नोटिस भी जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा है।

यह भी पढ़ें- Delhi: अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और पीएम मोदी के बीच मुलाकात, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

दोनों पक्षों से लिखित दलीलें पेश
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को तय की है। कोर्ट ने राज्य सरकार और दोनों पक्षों से लिखित दलीलें पेश करने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जून 2020 और जनवरी 2022 की चयन सूचियों को रद्द करते हुए यूपी सरकार को 2019 में आयोजित सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा (एटीआरई) के लिए तीन महीने में 69,000 शिक्षकों की नई चयन सूची जारी करने का आदेश दिया था।

यह भी पढ़ें- Moradabad: बदले गए इन 14 थानों के प्रभारी, दो को जिले से किया गया कार्य मुक्त

नौकरी जाने का खतरा
हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी सामान्य वर्ग के बराबर मेरिट हासिल करता है तो उसका चयन सामान्य वर्ग में ही माना जाए। हाईकोर्ट के इस आदेश से यूपी में बड़ी संख्या में कार्यरत शिक्षकों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। गौरतलब है कि आरक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थी सरकार पर आरक्षण लागू न करने का आरोप लगाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे थे।

यह भी पढ़ें- World Politics: अमेरिकी बादशाहत के अंत की शुरुआत? जानने के लिए पढ़ें

सामान्य वर्ग के बराबर मेरिट हासिल
हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर आरक्षित वर्ग का कोई अभ्यर्थी सामान्य वर्ग के बराबर मेरिट हासिल करता है तो उसका चयन सामान्य वर्ग में ही माना जाना चाहिए। हाईकोर्ट के इस आदेश से यूपी में बड़ी संख्या में कार्यरत शिक्षकों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से निराश होकर सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.