Uttar Pradesh: परीक्षा पेपर लीक रोकने के लिए योगी सरकार लाएगी नया अध्यादेश, यहां देखें प्रमुख प्रावधान

इस नए कानून के तहत कम से कम दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

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Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) के नेतृत्व में सरकार ने राज्य में परीक्षा के पेपर लीक (exam paper leak) की समस्या पर लगाम लगाने के उद्देश्य से एक नए कड़े कानून को मंजूरी दे दी है। 25 जून (मंगलवार) को कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लाने का प्रस्ताव पारित किया।

इस अध्यादेश का उद्देश्य परीक्षा के पेपर लीक करने के दोषी पाए जाने वालों के लिए कड़ी सजा लागू करना है। इस नए कानून के तहत कम से कम दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, अपराधियों पर 1 करोड़ रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा।

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यूपी कैबिनेट ने 40 से ज़्यादा प्रस्तावों को मंज़ूरी दी
कैबिनेट की बैठक में 44 प्रस्तावों को मंज़ूरी दी गई। इनमें उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 की शुरुआत भी शामिल है, जो लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा नकल माफियाओं के खिलाफ़ सख्त कानून लागू करने के वादे को दर्शाता है। राज्य में भर्ती परीक्षाओं में कई अनियमितताएँ देखी गई हैं, खास तौर पर कांस्टेबल भर्ती और समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने की घटनाएँ।

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यहां मुख्य प्रावधान दिए गए हैं:

पेपर लीक मामले पर सीएम योगी सख्त
इन घटनाओं ने न केवल पूरी व्यवस्था की ईमानदारी पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि लाखों अभ्यर्थियों की मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। इसके चलते इन परीक्षाओं को आयोजित करने वाली संस्थाएं भी जांच के दायरे में आ गई हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक के मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए फुलप्रूफ परीक्षाएं सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था और कानून बनाने के निर्देश दिए हैं।

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यूपी में प्रश्नपत्र लीक
आरक्षी नागरिक पुलिस में 60,244 पदों को भरने के लिए एक महत्वपूर्ण भर्ती अभियान में 48 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। हालांकि, 18 और 19 फरवरी को आयोजित लिखित परीक्षा में गड़बड़ी की गई, जिसके कारण लोकसभा चुनाव से पहले 24 फरवरी को इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के दोनों सत्र भी इसी तरह की समस्याओं के कारण रद्द करने पड़े। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आरओ/एआरओ (प्रारंभिक) परीक्षा 11 फरवरी, 2024 को निर्धारित की थी, लेकिन यह भी पेपर लीक की वजह से प्रभावित हुई।

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