चमोली के तपोवन रेनी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से जो तबाही मची है उसका राहत कार्य एक बार शुरू हो गया है। रात में नंदादेवी नदी का जलस्तर अचानक बढ़े जाने से राहत कार्य को रोकना पड़ा था। अब तक 15 जीवित लोगों को निकाला गया और 19 शव बरामद किये गए हैं। इस मामले में 202 लोगों के गायब होने की सूचना सरकार की ओर से मिली है।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 300 जवान और अधिकारी फिर से राहत और बचाव कार्य में लग गए हैं। ये सभी अब तपोवन बांध की दूसरी सुरंग में फंसे कर्मचारियों तक पहुंचनें और उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
कल के हादसे में अभी तक लगभग 202 लोगों के लापता होने की सूचना है, वहीं 19 के शव अलग अलग स्थानों से बरामद किए गए है। शोक और दुःख की इस घड़ी में प्रशासन आपके साथ है, कृपया सहयोग बनाए रखें। राहत-बचाव कार्य त्वरित रूप से जारी है। @Ashokkumarips @ndmaindiapic.twitter.com/ekW4G0ExL8
— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) February 8, 2021
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आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार ने बताया कि लगभग 30 लोग तपोवन की दूसरी सुरंग में फंसे हैं। इसके पहले पहली सुरंग से लगभग 12 लोगों के बचाया गया था। आवश्यकता पड़ी तो अधिक दलों को बुलाया जा सकता है। हम सुरंग में फंसे कर्मचारियों को बाहर निकालने के कार्य को प्राथमिकता दे रहे हैं।
Brave #Himveers of ITBP rescuing trapped persons from the tunnel near Tapovan, #Dhauliganga, #Uttarakhand this evening after 4 hrs of efforts. Total 12 persons were rescued from the tunnel out of which 3 were found unconscious. After first aid, carried on stretchers to road head. pic.twitter.com/iHsrFXjhDd
— ITBP (@ITBP_official) February 7, 2021
एसडीआरएफ भी बचाव कार्य मे जुटी
बचाव कार्य के लिए राज्य की एसडीआरएफ का दल भी कार्य कर रहा है। रात में मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से बचाव कार्य रोक दिया गया था। जैसे ही मंदाकिनी नदी का जलस्तर कम हुआ बचाव कार्य शुरू हो गया है। इसमें जेसीबी और आधुनिक यंत्रों का उपयोग किया जा रहा है। एसडीआरएफ ने अब तक 8 शवों को बाहर निकाला है।
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हमारे बहादुर जवान रात भर के बचाव कार्य के पश्चात सुरंग के मुहाने तक पहुँच गए हैं ।बचाव कार्य पूरे जोरों से चल रहा है और हम और अधिक लोगों की जान बचाने की उम्मीद कर रहे हैं। दुर्भाग्य से, बचाव दलों ने अब तक 11 शवों को भी बरामद किया है। मेरी संवेदनाएँ सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं। https://t.co/eI13b1ZjqU
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 8, 2021
स्वान दल भी कार्य में लगाया गया
तपोवन क्षेत्र में जहां फ्लैश फ्लड ने तबाही मचाई है वहां स्वान दल को भी लाया गया है। इसका उद्देश्य क्षेत्र में फैले मिट्टी-पानी के दलदल में किसी इन्सान के फंसे होने का पता लगाना और बाहर निकालना है।
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रेस्क्यू ऑपेरशन में जुटे जवान।#chamoli #RescueOperation @DDNewslive @PIB_India @DIPR_UK @ndmaindia pic.twitter.com/KbteX81gWI
— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) February 8, 2021
Relief & rescue work underway in #Uttarakhand. SDRF deployed teams in Joshimath, @NDRFHQ moved teams from Haridwar to affected areas. @IAF_MCC deployed Choppers for rescue operations.@ndmaindia @PIB_India@ITBP_official @tsrawatbjp pic.twitter.com/kFUfR0yZaY
— PIB in Uttarakhand (@PIBDehradun) February 8, 2021
तपोवन बांध बह गया
तपोवन बांध को ही ऋषिगंगा परियोजना कहा जाता है। अचानक आई बाढ़ से पूरा बांध ही बह गया है। इसमें दो पुल थे मलारी घाटी और तपोवन में दोनों भी बह गए हैं। जबकि जोशीमठ और तपोवन के बीच की सड़क सुरक्षित है। निर्माणकार्य के लिए बनाए गए झोपड़े क्षतिग्रस्त हुए हैं। नंदादेवी की तलहटी में अभी भी ग्लेशियर का मलबा बिखरा हुआ है। यह मलबा धौली गंगा और अलकनंदा में भी फैल गया है।
Join Our WhatsApp Communityकृपया panic न फैलाएं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर किये जा रहे हैं, उसमें प्रशासन का सहयोग करें।#Chamoli #UttarakhandPolice #RescueOperation @ndmaindia @PIB_India @DDNewslive @DIPR_UK pic.twitter.com/HVgQmnyGnL
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