उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के कारण मची तबाही में रेस्क्यू ऑपरेशन 14 फरवरी को आठवें दिन भी जारी रहा। इस बीच 6 और लोगों के शव बरामद हुए हैं। इस बारे में राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 44 लोगों का पता लगाया गया है, जबकि 160 लोग अभी भी लापता हैं। इस बीच मृतकों की संख्या 48 हो गई है, जबकि सुरंग के अंदर अभी भी करीब 30 लोग फंसे हुए हैं। टीम को अभी भी उनके जीवित होने का भरोसा है। हालांकि 14 फरवरी को बरामद शव बहुत ही बुरी हालत में थे और उन्हें पॉलिथीन में भरकर बाहर निकला गया।
शवों की हालत देखकर दहल गए रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोग
14 फरवरी को तड़के बरामद शव गाद में दबे हुए पाए गए थे। जब उन्हें निकाला गया तो वो गाद में सने हुए थे। शवों को देखकर टीम के लोग भी दहल गए। उन्होंने बड़ी मुश्किल से पॉलीथीन में भरकर उन्हें बाहर निकाला। दोपहर तक 6 शवों को बरामद किया गया था।
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160 लोग अभी भी लापता
राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने जानकारी देते हुए कहा है कि अब तक 44 लोगों का पता लगया गया है, जबकि 160 लोग अभी भी लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में बरामद 20 शवों और 12 लोगों के शरीर के अंगों का डीएनए टेस्ट कराने के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
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रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी
लोगों को टनल से निकालने के लिए पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मिलकर काम कर रही है। चमोली की डीएम स्वाति भदौरिया ने बताया कि घटना के दिन से ही लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
ग्लेशियर फटने से मची थी तबाही
7 फरवरी को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से तबाही मच गई थी। यहां पर फल्शिंग टनल( गाद निकलने वाली सुरंग) का काम चल रहा था। ग्लेशियर फटने से फैले पानी के कारण गाद, पानी तथा मलबा सुरंग में भर गया था और उसमें काम करनेवाले मजदूर अंदर ही फंस गए थे।