उत्तराखंड आपदाः इन पर्यटन स्थलों पर फंसे हैं 675 लोग, कई विदेशी भी शामिल

फिलहाल मौसम सामान्य होने के बाद उत्तराखंड में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। भारी भूस्खलन के कारण पर्यटक अपने वाहनों को छोड़कर किसी तरह अपने घर लौट रहे हैं।

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उत्तराखंड में आई आपदा के कारण अब भी 675 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। कुमाऊं मंडल में अब भी कई रास्ते बंद हैं। कुल 675 फंसे लोगों में 6 विदेशी भी शामिल बताए जा रहे हैं। बागेश्वर में 42 पर्यटकों को बचा लिया गया है, जबकि 6 लोग लापता बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर पिथौरागढ़ के कुंजी के साथ ही अन्य गांवों में फंसे 60 पर्यटकों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्हें चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से जिला मुख्यालाय लाया गया है।

बता दें कि इस त्योहारी सीजन में बड़ी संख्या में पर्यटक कुमाऊं में विभिन्न पर्यटक स्थलों पर आए थे। लेकिन भारी बारिश के कारण कुमाऊं मंडल के रास्ते बंद हो गए और कई स्थानों पर हजारों पर्यटक फंस गए।

राहत व बचाव कार्य तेज
फिलहाल मौसम सामान्य होने के बाद राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। भारी भूस्खलन के कारण पर्यटक अपने वाहनों को छोड़कर किसी तरह अपने घर लौट रहे हैं। इसके साथ ही हजारों पर्यटक होटलों और रिजॉर्ट में रुके हुए हैं।फिलहाल पिथौरागढ़ में 120 पर्यटकों के फंसे होने की जानकारी मिली है। इनमें मुंबई, कर्नाटक, केरल, दिल्ली और कोलकाता के अधिकांश पर्यटक हैं।

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बागेश्वरः यहां 17 और 18 अक्टूबर को लगातार भारी बारिश होने के कारण जनपद के पिंडारी, सुंदरढूंगा और कफनी ग्लेशियर सरमूल में कई लोग फंस गए थे। इनमें से 42 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 305 पर्यटक अभी भी फंसे हुए हैं।

नैनीतालः इस जिले में करीब 150 पर्यटक अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। हालांकि जिले में ज्यादातर रास्ते खुल गए हैं और पर्यटक अपने घरों को लौटने लगे हैं।

अल्मोड़ाः जिले में करीब 200 पर्यटक फंसे हुए हैं। यहां लगभग 150 लोग होटल्स और रिजॉर्ट में रुके हुए हैं। अल्मोड़ा से हलद्वानी आने वाली सड़क अभी भी बंद है। इसलिए अन्य मार्गों से आवाजाही शुरू की गई है।

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