उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी जिले (Uttarkashi District) के पुरोला (Purola) में लव जिहाद (Love Jihad) को लेकर कथित तौर पर चल रहे तनाव पर उत्तराखंड अदालत (Uttarakhand Court) ने सख्ती दिखाई है। अदालत ने राज्य सरकार से राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान न हो। अदालत ने यह आदेश पुरोला में चल रही महापंचायत की चर्चा के बीच दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि संगठनों को धरना, प्रदर्शन, रैलियां और सभा करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेने की जरूरत है।
अदालत ने दिया यह निर्देश
अदालत ने गुरुवार (15 जून) को अपने आदेश में संबंधित पक्षों को इस मुद्दे पर टीवी डिबेट और सोशल मीडिया पर अपने विचार प्रसारित करने से भी परहेज करने को कहा है। अदालत ने कहा कि ऐसा राज्य में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तरकाशी के जिला अधिकारी को पुरोला में किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की समस्या होने पर कड़ी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
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मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश
इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि पुरोला कांड के संबंध में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने बुधवार को पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया।
नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण के कथित प्रयास को लेकर पिछले महीने यहां सांप्रदायिक तनाव भड़क गया था। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर कोई माहौल खराब करने की कोशिश करेगा तो कानून अपना काम करेगा।
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