Uttarakhand में आसमान से आफत! जानें, कोटेश्वर महादेव गुफा और अन्य इलाकों का कैसा है हाल

उत्तराखंड में पहाड़ों पर लगातार बारिश जारी है। बारिश के कारण नदी-नाले भी उफान में है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी उफान पर है।

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Uttarakhand में इन दिनों आसमान से आफत बरस रही है। भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव की गुफा भी जलमग्न हो गई है। यहां स्वयं मां अलकनंदा भगवान कोटेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर रही हैं। दूर-दराज से भक्त कोटेश्वर भगवान की गुफा के दर्शन करने को पहुंच रहे हैं, लेकिन गुफा के जलमग्न होने से भक्त गुफा में नहीं जा पा रहे हैं।

 उफान पर नदी नाले
पहाड़ों में लगातार बारिश जारी है। बारिश के कारण नदी-नाले भी उफान में है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी उफान पर है। नदी का खतरे का निशान 626 मीटर है और यहां नदी 625 मीटर पर बह रही है। लगातार बारिश जारी रही तो नदी खतरे के निशान को भी पार कर जाएगी। अलकनंदा नदी के उफान में आने से रुद्रप्रयाग में स्थित प्रसिद्ध कोटेश्वर महादेव मंदिर स्थित गुफा भी जलमग्न हो गई है। गुफा के जलमग्न होने से भक्त गुफा में जलाभिषेक के लिये नहीं पहुंच पा रहे हैं। दूर से ही भक्त भगवान कोटेश्वर को जलाभिषेक कर रहे हैं। कोटेश्वर महादेव मंदिर में वर्ष भर भक्त एवं तीर्थ यात्री आते हैं। यहां भगवान शंकर की कोटेश्वर के रूप में पूजा होती है। यहां भगवान कोटेश्वर का शिवलिंग एक गुफा के अंदर विराजमान है, जबकि छोटे-छोटे असंख्य शिव लिंग हैं इसलिए यहां का नाम कोटेश्वर है। फिलहाल, अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से भक्त कोटेश्वर गुफा के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

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मां भगवती अलकनंदा स्वयं भगवान शंकर का कर रही हैं जलाभिषेक
कोटेश्वर मंदिर के महंत शिवानंद गिरि महाराज ने बताया कि सावन मास में एक दिन ऐसा आता है, जब मां भगवती अलकनंदा स्वयं भगवान शंकर का जलाभिषेक करती हैं। दूर-दराज से भक्त भगवान शंकर को जल चढ़ाने के लिए पहुंच रहे हैं। सावन मास में भगवान शंकर को जल चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

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