कुमाऊं मंडल के पियक्कड़ बड़े पियक्कड़ निकले हैं। वह मौजूदा वित्तीय वर्ष के 10 माह में ही सरकार की उम्मीदों से भी अधिक करीब 701 करोड़ की शराब पी गए हैं और एक तरह से अपनी सेहत और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को खराब कर सरकार की आर्थिक स्थिति को बेहतर कर रहे हैं।
उत्तराखंड में बड़ा राजस्व देने वाले विभागों में शराब का कारोबार भी एक है। आंकड़े गवाह हैं कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग को कुमाऊं मंडल से शराब से करीब 783 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला था। जिसमें से विभाग द्वारा जनवरी माह तक यानी दो माह पूर्व ही करीब 701 करोड़ रुपये का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। इस तरह अगले दो माह के लिए केवल 82 करोड़ का ही लक्ष्य बचा है, जो एक माह पहले ही यानी फरवरी माह में भी पूरा हो सकता है। ऐसे में लगता है कि जैसे पियक्कड़ इस लक्ष्य को आगामी वर्षों में और बढ़ाने पर तुले हुए हैं।
शराब की 280 दुकान
संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने बताया कि कुमाऊं मंडल में 138 अंग्रेजी व 142 देसी मिलाकर कुल 280 मदिरा की दुकानें हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में बागेश्वर के लिए 48 करोड़ 51 लाख, पिथौरागढ़ के लिए 87 करोड़ 51 लाख, चंपावत के लिए 56 करोड़ 76 लाख, अल्मोड़ा के लिए 129 करोड़ 60 लाख, नैनीताल के लिए सर्वाधिक 273 करोड़ 24 लाख, ऊधमसिंह नगर के लिए 148 करोड़ का रखा गया था। उन्होंने बताया कि अभी वित्तीय वर्ष समाप्त होने में 2 माह का समय है और अब केवल 82 करोड़ 55 लाख की राजस्व बकाया है। इसी बीच होली का त्योहार भी है। इसमें यह लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद है।