उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक निर्माणाधीन टनल में हुए हादसे को 24 घंटे से भी ज़्यादा का वक्त बीत गया है। टनल में फंसे करीब 40 लोगों को सकुशल निकालने के प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ सहित स्थानीय प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा हैं। इस हादसे ने बीते सालों में राजस्थान में हुए दर्दनाक टनल हादसों की यादें ताजा कर दी हैं। प्रदेश के सिरोही, हनुमानगढ़, बूंदी और जयपुर के टनल हादसों में कभी मजदूरों को तो कभी वाहनचालकों को अपनी जान देकर कीमत चुकानी पड़ी है।
सिरोही में 29 जून 2018 को हुआ था टनल हादसा
सिरोही जिले में वर्ष 2018 में 29 जून को हुए टनल हादसे को भुलाया नहीं जा सकता। यहां एक टनल की मरम्मत का काम कर रहे मजदूरों के ऊपर अचानक मलबा भरभराकर गिर पड़ा था। हादसा इतना दर्दनाक था कि इसमें चार मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि कुछ मजदूर गंभीर घायल भी हुए थे। हादसे कुछ दिनों से हो रही बरसात के कारण होना बताया गया था। हादसे के पीछे टनल में मरम्म्त करने वाली कंपनी की लापरवाही उजागर हुई थी। दरअसल, जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय यातायात प्रबंधन समिति की बैठक में टनल की मरम्मत का कार्य बारिश से पहले पूरा करने की हिदायत दी गई थी, लेकिन बारिश के दौरान भी मरम्मत कार्य जारी था और ये हादसा हुआ।
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हनुमानगढ़ में 27 जून को टनल हादसा
इसी प्रकार हनुमानगढ़ में पीलीबंगा के दौलतावाली गांव में इसी साल 27 जून को एक टनल हादसा हुआ था। पानी की डिग्गी की टनल खोद रहे मजदूरों पर अचानक से मिट्टी धंस गई और तीन मजदूर उसके नीचे दब गए। हादसे में दो मजदूरों की मौत हुई थी, जबकि कुछ मजदूर गंभीर घायल हुए थे। हादसे का मंजर इतना ज़्यादा खौफनाक था कि उसे देखने वाले लोग सिहर उठे थे। एक टनल हादसा उदयपुर के गोगुंदा-पिंडवाड़ा हाईवे पर पिछले साल 17 अगस्त को खोखरिया नाल के समीप हुआ था। यहां सवारियों से भरी एक चलती रोडवेज बस के आगे अचानक से चट्टान का मलबा गिर गई। चट्टान से टूटे पत्थर बस के दोनों टायरों के बीच फंस गए। इससे अचानक बस रूककर वहीं जाम हो गई। बस के इस तरह से अटकने से उसमें बैठी सवारियों के भी होश उड़ गए। राहत ये रही थी कि इस घटनाक्रम में कोई घायल नहीं हुआ।
हो चुके हैं कई हादसे
राजस्थान के विभिन्न ज़िलों में बने टनल में एक नहीं बल्कि कई बार हादसे हो चुके हैं। कुछ हादसे निर्माण या मरम्मत कार्य के दौरान हुए तो कुछ टनल के अंदर हादसे के कारण। प्रदेश की सबसे लम्बे टनल में से एक जयपुर की घाट की गुणी में भी कई दर्दनाक हादसे हो चुके हैं, इनमें से वाहन चालकों की मौत तक हुई है।