Sandeshkhali: विश्व हिंदू परिषद ने की ये मांग

विहिप के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने 21 फरवरी को कहा कि संदेशखाली की बर्बरता और उसको मिले राज्य सरकार के संरक्षण, समर्थन और प्रश्रय ने स्पष्ट कर दिया है कि वहां अब संविधान का नहीं, अराजकता व बर्बरता का साम्राज्य है।

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Sandeshkhali:विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने संदेशखाली मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग(Demanded imposition of President’s rule in West Bengal) की है।

विहिप के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने 21 फरवरी को कहा कि संदेशखाली की बर्बरता और उसको मिले राज्य सरकार के संरक्षण, समर्थन और प्रश्रय ने स्पष्ट कर दिया है कि वहां अब संविधान का नहीं, अराजकता व बर्बरता का साम्राज्य है। इसलिए पीड़ितों को न्याय तथा अराजकता पर अंकुश के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए।

उल्लेखनीय है कि 4-5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम 24 परगना के संदेशखाली गांव में शेख शाहजहां के यहां पीडीएस स्कैम के विषय में जांच करने गई थी। जांच के दौरान वहां सत्ता-धारी पार्टी के सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए, नारे लगाए, ईडी की कारों में तोड़फोड़ की गई। जांच कर रहे अफसरों का सामान छीन लिया गया और उसमें से तीन लोग इतने गंभीर रूप से घायल हो गए कि उनको तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।

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विहिप कार्याध्यक्ष के अनुसार यह देश की सत्ता को चुनौती थी। वहां के राज्यपाल और न्यायिक व्यवस्था ने भी इस पर चिंता व्यक्त की है। इस विषय पर जब आगे जांच की गई तो बड़े हृदयविदारक तथ्य सामने आए। पता चला कि शेख शाहजहां का संदेशखाली में राज चलता है, पुलिस या सरकार का नहीं। वह जबरन लोगों की जमीनों पर कब्जा करता है जिसका लोगों के पास कोई रास्ता नहीं होता। महिला आयोग व इसकी अध्यक्ष ने इस विषय की स्वयं जांच की है। वहां के हाई कोर्ट ने भी इस विषय की जांच की है और जांच के बाद यह सामने आया कि शाहजहां और उसके समर्थकों को वहां की महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और बलात्कार की खुली छूट थी। स्थिति इतनी भयावह थी कि पीड़ितों की एफआईआर तक दर्ज नहीं होती थी। यहां तक स्थिति यह हो गई थी कि उन लोगों को यदि कोई लड़की पसंद आती थी तो वह उस लड़की के परिवार को संदेश भेजते थे कि उस लड़की को पार्टी ऑफिस छोड़ जाओ। आतंक का मारा वह परिवार अपनी उस लड़की को वहां उनके पास छोड़ने जाता और अगला संदेश मिलने पर वापस लाता था।

उन्होंने कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें महिला यौन शोषण से संबंधित 18 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से दो शिकायतें बलात्कार की हैं। विहिप नेता ने कहा कि यह समय है कि ममता बनर्जी इस पर विचार करें कि क्या वहां कानून का शासन चल रहा है। क्या वहां की सरकार संविधान के अनुसार राज्य को चला पा रही है। आरोप इतने गंभीर हैं कि यह विचार करने का समय आ गया है कि बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए।

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