उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को युगपुरुष (Yugpurusha) कहने के संबंध में जोर देते हुए कहा कि “मैंने नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को युगपुरुष इसीलिए कहा क्योंकि उन्होंने देश को समावेशी (inclusive), महत्वाकांक्षी (ambitious), कार्य उन्मुख निर्णायक नेतृत्व (Leadership) दिया है।” रायपुर स्थित हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से एक संवाद कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि मैं बैकफुट पर नहीं हूं, बहुत सोच-समझकर मैंने मुंबई में एक कार्यक्रम में हमारे प्रधान मंत्री को युगपुरुष कहा, क्यों?
आप दुनिया के सबसे अच्छे हिस्से में हैं
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप युवा लड़के-लड़कियाँ विश्लेषण करें, सार्वजनिक डोमेन पर जाएँ, उन विशेषताओं का पता लगाएं जिन्हें हम ‘युगपुरुष’ के गुणों के रूप में माना जा सकता है। आख़िरकार किसी विशेष समय पर कोई युगपुरुष तो होगा ही। एक ऐसा व्यक्ति जिसने हमारे जीवन को बदल दिया और क्रांति ला दी, उन्होने आगे कहा कि हमारे पास समावेशी, कार्य-उन्मुख और निर्णायक नेतृत्व है। हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान भेजा है, हमने संसद के विशेष सत्र में महिलाओं को आरक्षण देकर युगांतकारी विकास किया है। हम विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और इसे विकसित करने के लिए दूसरों की प्रतीक्षा नहीं कर रहे हैं, चाहे वह क्वांटम कंप्यूटिंग हो, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन या 6जी, अब आपके लिए सब कुछ उपलब्ध है। आप दुनिया के सबसे अच्छे हिस्से में हैं। आपको केवल फ्रंटफुट पर खेलना होगा!
दलालों से मुख्त हुआ सत्ता का गलियारा
उन्होंने कहा एक समय था जब सत्ता के गलियारे दलालों से भरे पड़े हुए थे और वह देश की नीतियों को प्रभावित करते थे। उस समय भ्रष्टाचार के बिना कुछ भी संभव नहीं था और वह देश के लिए एक बहुत खतरा था, पिछले एक दशक में उन सभी सत्ता के गलियारों को दलालों से मुक्त कर दिया गया है।
सभी को समान अवसर उपलब्ध
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए देश में आज एक ऐसा वातावरण बना है जिसमें सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है और सभी को समान अवसर उपलब्ध हैं। लोकतंत्र का सही मतलब सबको समान अवसर प्रदान करना है, उन्होने कहा कि जब तक सभी को सामान अवसर नहीं मिलते तब तक प्रजातंत्र का कोई अर्थ नहीं होता, देश में सभी के लिए समान कानून व्यवस्था का होना आवश्यक है। कानून से ऊपर कोई नहीं है।
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