बेटी को आशीष देने में सर्वदल समभाव, विजय माने की कन्या का था परिणयोत्सव

विजय माने की कन्या के लग्नोत्सव में सभी वर्गों की रही उपस्थिति।

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विजय माने

नई मुंबई शिवसेना (ठाकर गुट) के शहर प्रमुख विजय माने कद्दावर नेता माने जाते हैं। माने पूर्व में नगरसेवक भी रह चुके हैं। उनके सामाजिक कार्यों की छाप में कोरोना काल के समय शहर में किया गया कार्य हमेशा याद किया जाता है। विजय माने की पुत्री अश्विनी के विवाह में सामाजिक कार्यों की छाप देखने को मिली, जिसमें कन्या को आशीष देने के लिए सभी दलों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही।

विजय माने की पहचान शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के कट्टर शिवसैनिक की रही है। वे मूलरूप से सतारा जिले के हैं, लेकिन जब नई मुंबई में आए तो उन्होंने शिवसेना प्रमुख के विचारों को अपनाया और वहीं से समाज सेवा की राह चल पड़ी, यही माने के राजनीतिक भविष्य की शुरुआत भी थी। मंगलवार को विजय माने की पुत्री का विवाह विघ्नहर को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी के संचालक विश्राम म्हसे के पुत्र भूषण के साथ संपन्न हुआ। इस विवाह उत्सव में छत्रपति ने आशीष दिया तो समाज के अंतिम छोर पर रहनेवाला सामान्य जन भी उपस्थित रहा। यह विजय माने के 80 प्रतिशत समाजसेवा और 20 राजनीति के आदर्श वाक्य का परिणाम है। माने को यह आदर्श भी शिवसेना प्रमुख से मिला है, जिसका वे वर्तमान काल में भी पालन करते हैं।

सभी वर्गों की रही उपस्थिति
अश्विनी और भूषण के विवाहोत्सव पर आशिर्वाद देने के लिए छत्रपति शिवेंद्र राजे भोसले, शिवसेना जिला प्रमुख विट्ठल मोरे, उपजिला प्रमुख द्वारकानाथ भोईर, कांग्रेस जिलाप्रमुख अनिल कौशिक, शिवसह्याद्री को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी के अध्यक्ष भाई वांगडे, मराठा महासंघ के नेता दादा जगताप, पुणे के उद्योगपति राम जगदाले, मा.विधायक सदाभाऊ संपकाल उपस्थित थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में नगरसेवक और सर्वपक्षीय नेताओं ने भी वर-वधु को शुभकामनाएं दी।

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