मणिपुर के खमेनलोक क्षेत्र के एक गांव में जातीय संघर्ष में हुई ताजा हिंसा में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। बुधवार को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सशस्त्र हमलावरों ने इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खमेनलोक इलाके के कुकी गांव में बीती रात करीब एक बजे घेर कर हमला किया। इस बीच हुई गोलीबारी में दोनों पक्षों के लोग हताहत और घायल हुए हैं। गोलीबारी में घायल हुए कई लोगों को इलाज के लिए इंफाल ले जाया गया है।
धारदार हथियारों से भी किये वार
सूत्रों ने बताया कि हिंसा में मारे गए लोगों में से कुछ के शरीर पर कटने के निशान हैं और कई गोलियां लगी हैं। इससे साफ पता चलता है कि गोलीबारी के साथ ही धारदार हथियारों से नजदीक से हमला किया गया है। इस घटना के बाद पूरे राज्य में फिर से ताजा तनाव उत्पन्न हो गया है। सुरक्षा बलों ने संभावित हिंसा वाले इलाकों में गश्त तेज कर दी है। प्रशासन ने लूटे गये हथियारों को बरामद करने के लिए अभियान तेज कर दिया है।
कर्फ्यू में छूट का समय घटा
ताजा हिंसा के बाद जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी जिले और इंफाल पश्चिम जिले में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में छूट के घंटों को घटाकर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे कर दिया है। मणिपुर के 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है जबकि राज्य के पूरे पूर्वोत्तर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। यह क्षेत्र मैतेई-बहुल इंफाल पूर्वी जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमा से सटा हुआ है।
3 मई को शुरू हुई थी झड़प
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें आरंभ हुईं थीं, जो आज भी जारी हैं। गौरतलब है कि एक महीने पहले मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई है और 310 अन्य घायल हो गए थे। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है। मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।