मणिपुर में जारी हिंसा के मद्दे नजर इंटरनेट पर बैन होने से कई सेवाओं और सुविधाओं पर असर पड़ रहा है। इस बीच मणिपुर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने की व्यवहारिकता का पता लगाने का निर्देश दिया है। न्यायालय अब इस मामले की 25 जुलाई को सुनवाई करेगा।
बता दें कि इंटरनेट सेवा को लेकर कई लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उन पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि गृह विभाग द्वारा सुझाए गए सुरक्षा उपायो पर अमल करते हुए इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है।
कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिले में 33 बंकर नष्ट
मणिपुर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाकर पिछले 24 घंटों में कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों में अवैध रूप से बनाए गये 33 बंकरों को नष्ट कर दिया। पुलिस नियंत्रण कक्ष से दी गई जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान गोलीबारी की छिटपुट घटनाओं और अनियंत्रित भीड़ के एकत्र होने से कुछ स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण है। हालांकि, अधिकांश जिलों में स्थिति सामान्य है।
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इन क्षेत्रों में चलाया गया तलाशी अभियान
पुलिस ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान, राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने चुराचांदपुर जिले में पूर्वी और पश्चिमी चिंगलांगमेई हिल रेंज, खोइजुमंतबी के पास लंग्जा क्षेत्र की पहाड़ी के संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया। बिष्णुपुर जिले में उखा तम्पाक, फुआइसनफाई, मोइरांग ट्यूरेल मैपल वार्ड नंबर 9 और फौगाकचाओ इखाई अवांग लीकाई, काकचिंग जिलों में सोकोम गांव, नाजरेथ गांव, कीफोम गांव, साहुमफाई गांव, खुनबी बाजार क्षेत्र आदि में अभियान चलाया गया।
126 नाके/चेकपॉइंट स्थापित
पुलिस ने यह भी बताया कि मणिपुर के पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में लगभग 126 नाके/चेकपॉइंट स्थापित किए गए हैं और पुलिस ने राज्य के विभिन्न जिलों में कानून-व्यवसथा उल्लंघन के संबंध में 351 लोगों को हिरासत में लिया है।