दिल्ली उच्च न्यायालय 28 जुलाई चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो के फ्रीज बैंक खातों को आपरेट करने की अनुमति देने की मांग पर सुनवाई करेगा। जस्टिस यशवंत वर्मा सुनवाई करेंगे।
13 जुलाई को कोर्ट ने वीवो के फ्रीज बैंक खातों को शर्तों के साथ आपरेट करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने वीवो को 950 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी जमा करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया था कि 12 सौ करोड़ रुपये का अपराध किया गया है और जो बैंक खाते फ्रीज किए गए हैं उनमें मात्र ढाई सौ करोड़ रुपये थे। इसलिए उनके खातों को आपरेट करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। इसके बाद उच्च न्यायालय ने वीवो को 950 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि वीवो अपने खाते में कम से कम ढाई सौ करोड़ रुपये हमेशा रखे। कोर्ट ने वीवो को निर्देश दिया कि वो ईडी को बताए कि उसने चीन में कितने करोड़ रुपये भेजे।
खाते में है ढाई सौ करोड़
8 जुलाई को कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया था कि वो वीवो का बैंक फ्रीज किया हुआ खाता आपरेट करने की मांग पर विचार करें। वीवो कंपनी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया था कि 5 जुलाई को ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में वीवो के अनेक ठिकानों पर छापा मारा था। ईडी ने वीवो के नौ बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। इन खातों में ढाई सौ करोड़ रुपए थे। ईडी वीवो कंपनी के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है।
ये है मामला
ईडी के मुताबिक वीवो कंपनी ने अपनी कुल बिक्री का पचास फीसदी रकम चीन भेज दिया। ये रकम 62,476 करोड़ रुपए है। ईडी का कहना है कि भारत में टैक्स से बचने के लिए वीवो ने अपना नुकसान दिखाने के लिए ये रकम चीन भेजा। वीवो ने कहा कि उसके बैंक खातों को फ्रीज करने से उसका पूरा कारोबार चौपट हो जाएगा और वो विभिन्न प्राधिकारों के कर्ज भी नहीं दे पाएगा। इससे कंपनी की मौत हो जाएगी।