रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का लक्ष्य यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की सरकार को उखाड़ फेंकना है। लावरोव की ये टिप्पणी यूक्रेन द्वारा अपने काला सागर बंदरगाहों से अनाज के निर्यात को बहाल करने के प्रयास के बीच आयी है।
काहिरा में अरब लीग सम्मेलन में लावरोव ने कहा कि रूस यूक्रेनवासियों को इस अस्वीकार्य शासन के बोझ से मुक्त कराने में मदद करने के लिए दृढ़संकल्प है। लावरोव ने यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी देशों पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यूक्रेन रूस का सार्वकालिक दुश्मन है। उन्होंने कहा कि रूसी और यूक्रेनी लोग आगे भी एक साथ रहेंगे, हम निश्चित ही यूक्रेन के लोगों को इस शासन से मुक्ति दिलाने में मदद करेंगे जो बिल्कुल जन-विरोधी एवं इतिहास -विरोधी है।
रूसी अधिकारियों के दावे के विपरीत है बयान
लावरोव की टिप्पणी युद्ध के प्रारंभ में क्रेमलिन की ओर से आये बयानों के बिल्कुल विपरीत हैं। तब रूसी अधिकारियों ने बार-बार कहा था कि वे जेलेंस्की की सरकार को उखाड़ फेंकने की चेष्टा नहीं कर रहे हैं। लावरोव ने कहा कि रूस मार्च में ही शत्रुता समाप्त करने के लिए करार के वास्ते बातचीत को तैयार था लेकिन यूक्रेन ने रूख बदल लिया और रूस का सफाया करने के अपने इरादे का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन को तब तक बातचीत नहीं करनी चाहिए जब तक युद्ध के मैदान में रूस को पराजित नहीं कर दिया जाता है।
पुतिन ने कही थी ये बात
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन में स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का ऐलान किया था। तब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि उनका यूक्रेन पर कब्जा करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि इस मिलिट्री ऑपरेशन का लक्ष्य यूक्रेन का असैन्यीकरण करना और नाजीवाद से मुक्त करना है। लेकिन, बाद में रूस ने अपनी नीयत को बदल दिया और कहा कि वह डोनेट्स्क और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक को यूक्रेनी आक्रामकता से आजाद कराना चाहते हैं।