– अमन दुबे
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में वक्फ कानून (Waqf Act) को लेकर हिंदुओं (Hindus) के खिलाफ हिंसा (Violence) में हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। मुसलमानों (Muslims) के अत्याचारों के कारण हिंदू मुर्शिदाबाद (Murshidabad) से भागकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। यहां हिंदुओं के घर जला दिए गए हैं, कई लोगों की हत्या भी की गई है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ‘मुस्लिम मौलवियों’ के साथ बैठकें कर रही हैं। हिंदुओं से मिलने के बजाय उन्हें अभी भी मुसलमानों की चिंता है, और वे मस्जिद के इमामों, मुअज्जिनों और मुस्लिम समुदाय के लोगों से मिल रही हैं।
वक्फ बिल के नाम पर आतंकवाद
मुर्शिदाबाद दंगा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। भारतीय जांच एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इस हिंसा की साजिश काफी समय से रची जा रही थी। पिछले 3 महीने से इलाके के लोग इस घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। इसके लिए विदेशों से फंडिंग की गई थी। पूरे मामले की जांच के दौरान एजेंसी ने पाया कि आतंकवाद फैलाने का यह एक नया तरीका है।
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नियंत्रण में मुर्शिदाबाद?
मुर्शिदाबाद में फैली हिंसा अब नियंत्रण में है और जनजीवन सामान्य हो रहा है। जिस तरह से केंद्रीय सुरक्षा बलों ने सड़कों पर मोर्चा संभाला है, उससे लगता है कि अब हालात पटरी पर लौट रहे हैं। पिता-पुत्र की हत्या के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा के पीछे बांग्लादेशी कनेक्शन भी सामने आ रहा है। पुलिस ने दावा किया है कि मुर्शिदाबाद में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है, जहां पिछली बार दंगे भड़के थे।
पीड़ितों ने बताई दर्दनाक कहानी
मालदा के राहत शिविर में रह रहे मुर्शिदाबाद हिंसा के पीड़ितों ने कहा, “हम शनिवार को यहां आए थे। हमारे घर का सारा सामान जला दिया गया। हम यहां शरण लेने आए थे। अगर यह हिंसा फिर से हुई तो हम अपने घर कैसे लौट पाएंगे? हम शांति चाहते हैं, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वहां फिर से शांति लाए।” हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद के समसेरगंज-धुलियान से पलायन करने वाले हिंदुओं के लिए मालदा के लालपुर में एक राहत शिविर बनाया गया है।
मुस्लिमों के पक्ष में खड़ीं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं और ममता बनर्जी राज्य के मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखना चाहती हैं। ऐसे में ममता ने वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मुसलमानों के साथ खुलकर खड़े होने का ऐलान किया है। बुधवार को ममता बनर्जी ने बंगाल के इमामों और मुअज्जिनों से कहा कि मोदी सरकार ने वक्फ एक्ट में संशोधन कर संविधान के साथ छेड़छाड़ की है, लेकिन हम पर भरोसा रखें, हम इसे किसी भी हालत में बंगाल में लागू नहीं होने देंगे।
बंगला गंवाना पड़ सकता ममता!
ममता बनर्जी जिस तरह से मुस्लिम वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए हैं, उससे कांग्रेस और लेफ्ट जरूर चिंतित हो सकते हैं, लेकिन बीजेपी को हराना आसान नहीं है। क्योंकि ममता बनर्जी एक हिंदू महिला होते हुए भी मुस्लिम समुदाय को इस तरह से सपोर्ट कर रही हैं, इसे भाजपा के लिए बड़ा सपोर्ट फैक्टर माना जा रहा है। भाजपा के लिए हिंदुत्व के एजेंडे के साथ आगे आने और हिंदुओं के साथ खड़े होने का यह सही समय है। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या ममता बनर्जी हिंदुओं को मना पाएंगी। क्या टीएमसी हिंदू वोट हासिल कर पाएगी?
हिंदुओं का क्या कसूर?
पश्चिम बंगाल के रहने वाले भारतीय साधक समाज के संस्थापक अनिर्बान नियोगी ने हिंदुस्थान पोस्ट को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि मुर्शिदाबाद में हालात पहले जैसे नहीं हैं। मुर्शिदाबाद में 4 जगहों पर हिंसा और दंगे हुए। शमशेरगंज में हिंदुओं की हालत बयान से परे है। हिंदू भाई-बहनों पर इतना अत्याचार किया गया कि उन्हें नदी पार करनी पड़ी। आप ही बताइए उन पर किस तरह का अत्याचार किया गया, उनका क्या कसूर है? उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा। उन्हें स्कूल में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक संगठन है जिसका नाम है “इंडियन सेक्युलर फ्रंट”। यह संगठन सिर्फ नाम का सेक्युलर है। यह मुसलमानों का संगठन है।
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