वक्फ संशोधन विधेयक 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) को संसद (Parliament) में पास करने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) ने सारी तैयारियां पूरी कर ली है। इसका मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों (Properties) को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधार को लाकर इन चुनौतियों का हल करना है।
वक्फ बिल के संशोधन के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा है कि वक्फ संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले कहीं ना कहीं देश के लोगों में नफरत पैदा कर रहे है और संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। वे लोगों को भ्रमित करने और मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।
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संसद की संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है
जेपीसी ने 30 जनवरी को ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी थी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे और अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे थे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया था जेपीसी ने 29 जनवरी को ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला वहीं 11 सदस्यों ने विरोध किया कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई है।
मोदी कैबिनेट दे चुकी है मंजूरी
मोदी कैबिनेट पहले ही वक्फ अधिनियम में तकरीबन 40 संसाधनों को मंजूरी दे चुकी है। इन संशोधनों का उद्देश्य किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना है। संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और ट्रांसफर में बड़ा बदलाव आएगा। ये संशोधन जस्टिस सच्चर आयोग और के रहमान खान की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त कमेटी की सिफारिश के आधार पर बनाए गए है।
कानून में बदलाव से होगा
वर्तमान कानून के अनुसार, राज्य और केंद्र सरकार वक्त संपत्तियों में दखल नहीं दे सकतीहै। लेकिन संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में पंजीकृत करनी होगी ताकि संपत्ति का मूल्यांकन हो सके और इसके राजस्व की जांच होगी। बोर्ड के स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाएगा और इसमें महिलाओं के हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की गई है। राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्य शामिल होगी। खास बात यह है कि क बोर्ड की विवादित और पुरानी संपत्ति का नए सिरे से सत्यापन हो सकेगा। वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अब अपील की जा सकती है।
कांग्रेस ने दिए वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार
2013 में कांग्रेस ने 1995 के बेसिक वक्फ एक्ट में संशोधन किया। बोर्ड को असीमित शक्तियां देने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया जिसे किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। एक धार्मिक बॉडी को असीमित शक्तियां प्रदान की गई जिसे वादी को न्यायपालिका से न्याय मांगने से भी रोक दिया। देश में किसी अन्य धार्मिक संस्था के पास ऐसी शक्तियां नहीं है। वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 3 में कहा गया है कि यदि वक्फ सोचता है की भूमि किसी मुस्लिम की है तो यह वक्फ की संपत्ति है उसे कोई सबूत देने की आवश्यकता नहीं है।
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