Waqf Board: उदय प्रताप कॉलेज मामले में छात्रों की बड़ी जीत, वक्फ बोर्ड का यू टर्न

व्यापक विरोध के कारण वक्फ बोर्ड को अपने दावे से पीछे हटना पड़ा।

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Waqf Board: 115 साल पुराने उदय प्रताप कॉलेज (Uday Pratap College) के प्रदर्शनकारी छात्रों (protesting students) ने वक्फ बोर्ड (Waqf Board) को धूल चटा दी, क्योंकि बोर्ड को कॉलेज की पूरी संपत्ति पर अपना दावा वापस (withdraws claim on college property) लेना पड़ा है, जिस पर उसने अपना कब्ज़ा करने की कोशिश की थी।

व्यापक विरोध के कारण वक्फ बोर्ड को अपने दावे से पीछे हटना पड़ा। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि बोर्ड द्वारा किए गए ऐसे कोई भी दावे वैध नहीं हैं। एक आधिकारिक पत्र में, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि 2021 में वसीम अहमद द्वारा किए गए इसी तरह के दावे को पहले ही खारिज कर दिया गया था।

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2018 के नोटिस को रद्द
बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि कॉलेज की संपत्ति के संबंध में कोई कानूनी कार्यवाही या दावा वर्तमान में प्रगति पर नहीं है। एक पूर्व सहायक सचिव द्वारा वक्फ अधिनियम की धारा 36 (7) के तहत जारी 2018 के नोटिस का हवाला देते हुए, वक्फ बोर्ड ने स्पष्ट किया कि इस नोटिस को उसके अध्यक्ष ने 18 जनवरी, 2021 को रद्द कर दिया था। पत्र में यह भी पुष्टि की गई है कि 2018 के नोटिस को रद्द करने के बाद से कोई और कार्रवाई या दावा नहीं किया गया है।

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छात्रों ने हनुमान चालीसा का किया पाठ
वक्फ बोर्ड द्वारा कॉलेज की संपत्ति पर दावा किए जाने के तुरंत बाद, बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्र परिसर में आ गए और बड़ी संख्या में नमाज अदा की। इससे छात्र भड़क गए और किसी भी तरह के दबाव में नहीं आए और बड़ी संख्या में एकत्र होकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। छात्रों ने निडरता से “जय श्री राम” जैसे नारे लगाए और उन लोगों को अपना रुख स्पष्ट कर दिया जो शैक्षणिक संस्थान की भूमि पर अवैध रूप से दावा करने की कोशिश कर रहे थे।

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दरगाह की मौजूदगी पर सफाई
उदय प्रताप कॉलेज में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, संस्थान के प्रिंसिपल ने भी कहा कि संस्थान के साथ दरगाह अवैध रूप से बनाई गई है और इसे अतिक्रमण बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले को कॉलेज की प्रबंधन समिति के समक्ष रखा जाएगा। इस बीच, उन्होंने छात्रों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया और उन्हें आश्वासन दिया कि कानून के अनुसार इस मुद्दे को हल करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे। कॉलेज प्रशासन ने यह भी कहा कि कॉलेज परिसर में मस्जिद की मौजूदगी के बारे में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है

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