POK: पाक अधिकृत कश्मीर की व्यावहारिकता को समझना होगा – प्रो. लियाकत खान

यह जानना भी जरूरी है कि वह क्षेत्र भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से 3 देशों की सीमाएँ गुजरती हैं। चीन का शिनजियांग प्रांत, अफगानिस्तान और भारत इस क्षेत्र से सटे हुए हैं। यह क्षेत्र तेल और गैस के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है।

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के मुद्दे को समझने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) के दृष्टिकोण से इसकी व्यावहारिकता (practicality) को समझना आवश्यक है। जब पाकिस्तान बना तो उसकी आय के साधन भी निर्धारित किये गये। जहां तक ​​पाकिस्तान की बात है तो उसके पास आय के अपने स्रोत हैं। पाकिस्तान के पास उपजाऊ ज़मीन है। गाय, भैंस, बकरी जैसे अच्छे पशुधन हैं। प्राकृतिक स्रोत अच्छे हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुद्दे को समझने के साथ-साथ इसकी भौगोलिक स्थिति (geographical situation) को समझना भी जरूरी है, ऐसा मुंबई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने लियाकत खान (liaqat khan) ने कहा। वह स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के राष्ट्रीय स्मारक पर ‘सावरकर स्ट्रैटेजिक सेंटर’ द्वारा ‘पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का बलात्कार’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम 21 अक्टूबर को शिवाजी पार्क स्थित स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर आयोजित किया गया था। इस समय लियाकत खान ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुद्दे को विभिन्न स्तरों पर प्रकाशित किया।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुद्दे पर बात करते हुए लियाकत खान ने आगे कहा कि यह जानना भी जरूरी है कि वह क्षेत्र भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से 3 देशों की सीमाएँ गुजरती हैं। चीन का शिनजियांग प्रांत, अफगानिस्तान और भारत इस क्षेत्र से सटे हुए हैं। यह क्षेत्र तेल और गैस के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है।

पाकिस्तान के पास कूटनीतिक गहराई नहीं
पाकिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों के लिए क्या कर रहा है? पाकिस्तान अपने नागरिकों को अरब देशों की यात्रा के लिए आसान वीजा उपलब्ध करा रहा है। अगर कल युद्ध हुआ तो पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार कहां रखेगा? उसके लिए पाकिस्तान पीओके क्यों चाहता है। पाकिस्तान के पास कोई कूटनीतिक गहराई नहीं है। वह अब अफगानिस्तान में अपनी नीतियां बना रहा है। प्रो.लियाकत खान ने कहा जी20 के तीसरे दिन जब भारत, इजराइल और सऊदी अरब के बीच भारत-मध्य पूर्वी-यूरोप कॉरिडोर बनाने पर चर्चा चल रही थी तो तय हुआ कि हमास का हमला होगा।

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