West Bengal: पश्चिम बंगाल(West Bengal) में 2016 के पहले की शिक्षक नियुक्तियों में हुई धांधली(Rigging in teacher appointments) के बाद अब नए सिरे से प्रकाशित हुई शिक्षक नियुक्ति पैनल में भी अनियमित(Irregularities in teacher appointment panel also published afresh) के आरोप लगे हैं। 1 जनवरी को इसे लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट(Calcutta High Court) के न्यायाधीश राजशेखर मंथा की एकल पीठ में याचिका लगी है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) के आदेश के बाद राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड(State Board of Primary Education) ने वर्ष 2022 के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
10 युवकों ने दायर की याचिका
शिक्षकों के 11 हजार 758 रिक्तियों में से नौ हजार 533 पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की मेरिट सूची प्रकाशित कर दी गई है। इसके खिलाफ 1 जनवरी को सुमंत कोले समेत 10 नौकरी चाहने वालों ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर केस दर्ज करने की मांग की। जस्टिस राजशेखर मंथा ने उस केस को दायर करने की इजाजत दे दी है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होने की संभावना है।
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11 हजार 758 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी
29 सितंबर, 2022 को बोर्ड ने प्राथमिक भर्ती प्रक्रिया में शिक्षकों के 11 हजार 758 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की। अधिसूचना में कहा गया है, बीएड और डीएलएड दोनों प्रशिक्षित नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बीए डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक पद पर मौका नहीं मिलेगी।
10 वादियों ने किया दावा
सुमंत सहित 10 वादियों की वकील फिरदौस शमीम ने दावा किया कि जब 2022 की भर्ती अधिसूचना जारी की गई थी, तो यह बताया गया था कि डीएलएड के अलावा बीए डिग्री धारक भी प्राथमिक शिक्षक पद के लिए फॉर्म भर सकते हैं। सुमंत सहित 10 नौकरी चाहने वालों के पास बीएड और डीएलएड दोनों डिग्री हैं। लेकिन बीएड में उनके अंक अधिक होने के कारण उन्होंने उस अंक से फॉर्म भर दिया। लेकिन उनके नाम पैनल में नहीं हैं।