गजब! टीएमसी नेता बनते ही कुछ वर्षों में नगरपालिका ड्रेन सुपरवाइजर बन गया करोड़ों का मालिक

तृणमूल कांग्रेस के एक प्रकोष्ठ में पद मिलने के बाद चांपदानी नगरपालिका के एक ड्रेन सुपरवाइजर की संपत्ति में बतहाशा वृद्धि हुई।

202

तृणमूल कांग्रेस नेताओं को अक्सर यह सवाल करते हुए देखा गया है कि क्या भारतीय जनता पार्टी वाशिंग मशीन है, जिसमें शामिल होने के बाद किसी के भी दाग धुल जाते हैं? लेकिन तृणमूल कांग्रेस के एक प्रकोष्ठ में पद मिलने के बाद चांपदानी नगरपालिका के एक ड्रेन सुपरवाइजर की संपत्ति कुछ ही वर्षों में इस कदर बढ़ी है कि वाम-कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता यह पूछ रहे हैं कि क्या तृणमूल कांग्रेस अलादीन का चिराग है जिसमें पद मिलने के कुछ ही दिनों में एक रंक भी राजा बन जाता है।

गाड़ी-बाड़ी के साथ लाइसेंसी रिवॉल्वर भी
सूत्रों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस में पद मिलने के महज तीन वर्षों के भीतर नगरपालिका के इस ड्रेन सुपरवाइजर की संपत्ति में इतनी बेतहाशा वृद्धि हुई है कि वर्तमान में नगर पालिका के इस कर्मचारी के पास बाड़ी- गाड़ी से लेकर रिवाल्वर का लाइसेंस तक है।

संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि
तृणमूल कांग्रेस के भी स्थानीय नेता प्रदीप बांसफोर नामक इस नगर पालिका कर्मचारी की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि को लेकर आश्चर्य में है। वर्तमान में प्रदीप बांसफोर तृणमूल कांग्रेस के हुगली जिले के अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं। वे वर्तमान में चांपदानी नगर पालिका के आठ नंबर वार्ड स्थित बांस बागान इलाके में रहते हैं। इलाके में इस तृणमूल नेता का वह रुतबा है कि लोग दबी जबान में इनकी चर्चा तो करते हैं परंतु खुलकर कैमरे के सामने कोई कुछ भी बोलना नहीं चाहता।

पहले उछल कर लगाए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, अब दुबक कर भरेंगे करोड़ों का हर्जाना

तीन साल पहले थे मात्र कर्मचारी
नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय नेता ने बताया कि तकरीबन तीन साल पहले प्रदीप बांसफोर चांपदानी नगरपालिका के एक स्थायी सफाई कर्मचारी हुआ करते थे। लेकिन तृणमूल कांग्रेस में पद मिलने के बाद इन्होंने येन-केन प्रकेरण काफी संपत्ति अर्जित की। देखते ही देखते इलाके के गिने चुने रईस लोगों में इनका नाम लिया जाने लगा। नगरपालिका के तनख्वाह से ये संभव नहीं है। बातें बहुत हैं लेकिन सबकुछ मीडिया से बताया नहीं जा सकता। यदि जांच हो तो सब सामने आ जाएगा।

ऐसे और भी हैे कई टीएमसी नेता
उल्लेखनीय है कि हुगली जिले में तृणमूल युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शांतनु बनर्जी भी युवा तृणमूल कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के कुछ ही वषों बाद आपार संपत्ति के मालिक बन गए थे। केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर आने के बाद शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में उन्हें जेल की हवा खानी पड़ी। इसके अलावा जिले के शिक्षक भर्ती घोटाले में अन्य कई तृणमूल नेताओं के नाम भी सामने आए हैं जो या तो फिलहाल जेल में है या जिनपर केंद्रीय जांच एजेंसियों की नजर है।

बहरहाल, इस मामले पर प्रतिक्रिया लेने के लिए प्रदीप बांसफोर से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.