West Bengal: भाजपा प्रतिनिधिमंडल को रोका, संदेशखाली में दिन भर चला हंगामा

संदेशखाली में महिलाओं के साथ हिंसा और यौन दुराचार की जांच करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से समिति का गठन किया गया है।

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West Bengal: संदेशखाली हिंसा(Sandeshkhali violence) का जायजा लेने पहुंची भाजपा की छह सदस्यीय केंद्रीय समिति(BJP’s six-member central committee) को वहां जाने से रोके जाने पर 16 फरवरी को दिनभर हंगामा(Ruckus) होता रहा। भाजपा की छह सदस्यीय केंद्रीय समिति में केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद शामिल(Union Minister and BJP MP included in Central Committee) थे।

यौनाचार की जांच करने पहुंची थी समिति
संदेशखाली में महिलाओं के साथ हिंसा और यौन दुराचार की जांच करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से समिति का गठन किया गया था। समिति में अग्निमित्रा पॉल भी शामिल थीं, जो सुबह संदेशखाली के लिए रवाना हो गई, लेकिन संदेशखाली से कुछ ही दूरी पर स्थित रामपुर में पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उसके बाद समिति के सदस्यों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। हालांकि, समिति के सदस्यों ने दलील दी कि महज पांच लोग संदेशखाली में प्रवेश करेंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें इजाजत नहीं दी। पुलिस के रोके जाने के विरोध में समिति के सदस्य सड़क पर प्रदर्शन करने लगे।

समिति के सदस्यों का आरोप
समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन को इस बात का डर है कि कहीं संदेशखाली की महिलाएं फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को लेकर कोई बड़ा खुलासा ना कर दें। अग्निमित्रा पॉल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मंशा साफ है। वो अपनी पार्टी के लोगों को बचाना चाहती हैं, जो प्रदेश में ऐसे जघन्य वारदातों के जिम्मेदार हैं।

15 फरवरी को भी जाने से रोका गया
इससे पहले 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में संदेशखाली जा रहे भाजपा विधायकों को भी पुलिस ने रोक दिया था। 16 फरवरी को जब भाजपा की केंद्रीय टीम को रोका गया तो पार्टी प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल डॉक्टर सीवी आनंद बोस से मिल कर संदेशखाली में प्रशासन के बर्ताव को लेकर शिकायत की।

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समिति में ये शामिल
उल्लेखनीय है कि उच्चस्तरीय केंद्रीय समिति की संयोजक अन्नपूर्णा देवी हैं। दूसरे सदस्योंं में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, सांसद सुनीता दुग्गल, सांसद कविता पाटीदार, सांसद संगीता यादव और बृजलाल (राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक) शामिल हैं। जहां एक तरफ भाजपा की केंद्रीय टीम को पुलिस ने रोक दिया, वहीं दूसरी तरफ तृणमूल की फैक्ट फाइंडिंग टीम को संदेशखाली में लोगों से बातचीत करते हुए देखा गया था।

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