प्रवर्तन निदेशालय के घेरे में अब पश्चिम बंगाल के आठ आईपीएस अधिकारी आ गए हैं। इन्हें अगले सप्ताह कोयला तस्करी प्रकरण में पूछताछ कि लिए दिल्ली बुलाया गया है। जुलाई में इस प्रकरण में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने 41 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था।
जिन आठ आईपीएस अधिकारियों को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए बुलाया है, उसमें सुकेश जैन, ज्ञानवंत सिंह, राजीब मिश्रा, श्याम सिंह, सेलवा मुरुगन, कोटेश्वर राव आदि का नाम है।
हो चुकी है गिरफ्तारी और पूछताछ
15 जुलाई को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड के जनरल मैनेजर सुभाष कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। इसके पहले 29 मार्च को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ की थी। अभिषेक बनर्जी से ईडी की पूछताछ उन दो कंपनियों को लेकर थी, जिनका संबंध अभिषेक की पत्नी रुजिरा बनर्जी से पाया गया था। रुजिरा बनर्जी से भी ईडी ने दो बार पूछताछ किया है।
कोयला तस्करी से बनाए करोड़ो रुपए
सितंबर 2020 में ईस्टर्न कोल फील्ड्स पर शिकायत दर्ज कराई गई। जिसमें ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटिड, सेंट्रल इंडस्ट्रीयल सिक्योरिटी फोर्स, रेलवे विभाग और अज्ञात लोगों का नाम था। इन पर कोयले में धांधली करने का आरोप था।
प्रकरण के अनुसार आरोपियों ने साइडिंग में खड़ी मालगाड़ी से कोयला निकाला था। इसकी ऐवज में आरोपी व्यक्तियों को निजी व्यक्तियों ने पैसे दिये। सीबीआई ने इस संबंध में अनूप मांझी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें अवैध कोयला उत्खनन का आरोप लगाया था। सूत्रों के अनुसार करोड़ो के अवैध कोयला की तस्करी में सरकारी अधिकारी और नेता भी संलिप्त हैं। इसी प्रकरण में जून माह मे सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के नेता विनय मिश्रा की जानकारी देनेवाले को एक लाख का इनाम देने की घोषणा भी किया है।