पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। सोमवार को देश के शीर्ष न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी उत्सव के दौरान हुई हिंसा की जांच एनआईए को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर दखल देने से इंकार करते हुए ममता सरकार की इस याचिका को खारिज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि एनआईए को केंद्र सरकार ने एनआईए अधिनियम की धारा के तहत ही अपनी स्वतः संज्ञान शक्ति का प्रयोग करते हुए जांच करने के लिए कहा है। यह भी देखा गया है कि राज्य सरकार ने केंद्र की अधिसूचना को चुनौती नहीं दी।
गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल विधान सभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने अप्रैल माह में रामनवमी उत्सव के दौरान और उसके बाद भी हावड़ा और हुबली में हुई हिंसा की जांच एनआईए से कराने का आदेश दिया था। इसी मामले में हस्तक्षेप करने के लिए ममता सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी।
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