West Bengal Politics: ममता राज में मुस्लिम घुसपैठियों का स्वर्ग बन रहा बंगाल!

एक तरफ पश्चिम बंगाल में बढ़ते मजहबी उन्माद के कारण राज्यों के कानून-व्यवस्था नियंत्रण से बाहर जा रही है, वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें हर दिन आ रही है।

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नरेश वत्स

West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बांग्लादेशी घुसपैठियों (Bangladeshi infiltrators) की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) बांग्लादेश के घुसपैठियों को लेकर हमेशा दरियादिली दिखाने में लगी रहती है। ममता बनर्जी ने अपने ताजा बयान में बांग्लादेश के तथाकथित असहाय लोगों के लिए बंगाल के दरवाजे खोलने की बात कही है।

एक तरफ पश्चिम बंगाल में बढ़ते मजहबी उन्माद के कारण राज्यों के कानून-व्यवस्था नियंत्रण से बाहर जा रही है, वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें हर दिन आ रही है। पश्चिम बंगाल की भूमि को भद्रजन की धरती कहा जाता है। लेकिन अब राजनीतिक स्वार्थ के लिए ममता सरकार द्वारा बंगाल की संस्कृति और सभ्यता को मिटाने का प्रयास जारी है।

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पश्चिम बंगाल में शरण
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बांग्लादेश के प्रति प्रेम जग जाहिर है। उनके ताजा बयान से इस बात को और मजबूती मिलती है। तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस पर एक रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि दूसरे देश के मामले में बोलने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है, फिर भी मैं बांग्लादेश के ऐसे लोगों को पश्चिम बंगाल में शरण देने के लिए तैयार हूं, जिनका कोई सहारा नहीं है।

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उठी थी मुस्लिम राष्ट्र की आवाज
जुलाई के पहले हफ्ते में उत्तर दिनाजपुर के वीडियो में युवक-युवती के प्रेम को ‘अवैध’ बताकर पंचायत में उन्हें बांस की छड़ियों से एक व्यक्ति पीटते हुए देखा गया था। उसकी पहचान ताजमुल उर्फ ‘जेसीबी’ के रूप में हुई है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामले में ताजमुल को गिरफ्तार किया था, जबकि चोपड़ा विधायक हमीदुल रहमान का भी इस पर बयान आया था। विधायक ने कहा था कि महिला की गतिविधियां असामाजिक थीं। हालांकि, हमीदुल ने कहा कि तजमुल का टीएमसी से कुछ लेना देना नहीं है। हमीदुल रहमान ने आगे कहा कि ये गांव का मामला है और इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं। तृणमूल विधायक ने आगे कहा कि महिला ने गलत किया। उसने अपने पति, बेटे और बेटी को छोड़ दिया जो गलत है। विधायक ने कहा मुस्लिम राष्ट्र के अनुसार कुछ नियम और न्याय हैं।

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सीमा से लगे प्रदेशों में भी घुसपैठ
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर वीकली ने कहा है कि भारत के बॉर्डर इलाकों में मुस्लिमों की आबादी बढ़ रही है। ऐसे में एक व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत है। मुखपत्र के संपादकीय में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमाओं पर अवैध विस्थापन की वजह से अप्राकृतिक तरीके से आबादी बढ़ रही है।

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घुसपैठियों को शरण देने के लिए तैयार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बांग्लादेश के प्रति प्रेम जग जाहिर है। उनके ताजा बयान से इस बात को और मजबूती मिलती है। तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस पर एक रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि हालांकि दूसरे देश के मामले में बोलने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है, फिर भी मैं बांग्लादेश के ऐसे लोगों को पश्चिम बंगाल में शरण देने के लिए तैयार हूं, जिनका कोई सहारा नहीं है।

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पहले भी ऐसा बयान दे चुकी हैं ममता
ममता बनर्जी ने इसी तरहल का एक बयान वर्ष 2020 में मार्च के महीने में दिया था। उस समय उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि जो लोग बांग्लादेश से आए हैं और चुनाव में वोट डाल रहे हैं, वे भारत के नागरिक हैं। उन्हें नागरिकता के लिए नये सिरे से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। ममता बनर्जी लगातार बांग्लादेश के घुसपैठियों को लेकर नरम रवैया अपनाती रही हैं।

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सीएए का विरोध
ममता बनर्जी सीएए का कट्टर विरोधी रही हैं। उन्होंने अपने प्रदेश में इसे लागू नहीं करने का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह डाला था कि वह एक भी व्यक्ति को पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं जाने देंगी। ममता बनर्जी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में रहने वाले किसी भी शरणार्थी को नागरिकता से वंचित नहीं किया जाएगा।

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मुस्लिम तुष्टिकरण
पश्चिम बंगाल वोट बैंक की राजनीति और मुस्लिम तुष्टिकरण का केंद्र बन चुका है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अल्पसंख्यक समुदाय और घुसपैठियों को संरक्षण प्रदान करती रही हैं। संदेशखाली के आरोपी शेख शाहजहां को संरक्षण तृणमूल कांग्रेस के सुप्रीमो ममता बनर्जी ने ही दिया था। शेख शाहजहां ने सत्ता की आड़ में हिंदू और जनजातीय महिलाओं का न केवल उत्पीड़न किया बल्कि उनकी जमीन, इज्जत, आबरू को भी लूटने का काम किया। ऐसे ही न जाने कितने शेख शाहजहां जैसे लोग बंगाल में संरक्षण लेकर पल रहे हैं और धीरे-धीरे अपना वर्चस्व बढ़ाकर प्रदेश और देश के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।

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बदल रही है बंगाल की डेमोग्राफी
बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है नादिया जिला, जिसमें मुसलमानों की आबादी करीब 30 प्रतिशत है। बांग्लादेश की सीमा से सटे नदिया जिले में बांग्लादेशी घुसपैठिये बड़ी आसानी से पहुंचते हैं और धीरे-धीरे गैर कानूनी धंधे में लिप्त होकर अपना कारोबार खड़ा करते हैं। इस कारण पश्चिम बंगाल में पूरे हिंदुओं पर होने वाले हमलों में तेजी आई है। इसी तरह उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट और बादुरिया जैसे सीमावर्ती इलाकों में मस्जिदें बड़े पैमाने पर बनाई जा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है इन इलाकों में गाय से लेकर सोना, हथियार और ड्रग्स तक की तस्करी होती है। एक आंकड़े के अनुसार भारत में कुल 2 करोड़ घुसपैठियो मुसलमान हैं, जिनमें से अकेले पश्चिम बंगाल में एक करोड़ मुसलमान मौजूद हैं।

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पशु तस्करी और नकली नोटों की तस्करी
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले और बांग्लादेश की सीमा 172 किलोमीटर लंबी है। इसमें 50 किलोमीटर की सीमा खुली हुई है। इस सीमा में कई नदियां बहती हैं। इस कारण मालदा के इलाकों में सीमा जिहादी और असामाजिक तत्व पशु तस्करी तथा जाली मुद्रा की तस्करी के कारोबार को बेरोकटोक अंजाम दे रहे हैं।

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