West Bengal: पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु (Bratya Basu) पर शनिवार (1 मार्च) को जादवपुर विश्वविद्यालय (Jadavpur University) में वामपंथी छात्रों के एक समूह ने हमला किया। वे पश्चिम बंगाल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय प्राध्यापक संघ (WBCUPA) के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए वहां गए थे।
यह तृणमूल समर्थक प्राध्यापकों का संगठन है। इस हमले में मंत्री बसु घायल हो गए और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। विश्वविद्यालय के कई प्राध्यापकों पर भी हमला किया गया और झड़प में कुछ छात्र भी घायल हुए।
#WATCH | Kolkata, West Bengal | TMC MP Saayoni Ghosh says, “Today the West Bengal Education Minister Bratya Basu was attacked at the Jadavpur University earlier today. We are here to condemn this…” https://t.co/KrRyT0tHVW pic.twitter.com/0EeiJaBzC2
— ANI (@ANI) March 1, 2025
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प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश
रिपोर्ट के अनुसार, जब बसु कार्यक्रम में भाग लेने के बाद विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकल रहे थे, तो उन्हें CPI(M) की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के प्रदर्शनकारियों ने रोक लिया। ये लोग तत्काल छात्र निकाय चुनाव की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने उनकी कार के टायरों की हवा निकाल दी और उसके बोनट पर चढ़ गए। शिक्षा मंत्री अपनी कार से बाहर आए और प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी और उनकी कार और उनके साथ मौजूद दो अन्य पायलट कारों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों द्वारा उनकी कार पर फेंकी गई ईंटों के कारण वे घायल हो गए। उन्हें कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया। उनके गार्ड को भी चोटें आईं।
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प्रोफेसरों पर भी हमला
प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर WBCUPA के प्रोफेसरों पर भी हमला किया। प्रोफेसर ओमप्रकाश मिश्रा को प्रदर्शनकारियों ने लाठी लेकर दौड़ाया। उन्हें यूनिवर्सिटी के गार्ड ने बचाया। बताया जा रहा है कि हमले में दो प्रोफेसर घायल हो गए, जबकि एक छात्र के सिर में चोट आई है। कुछ छात्रों ने कथित तौर पर एक महिला प्रोफेसर की साड़ी फाड़ दी। इससे पहले, कुछ SFI प्रदर्शनकारियों ने WBCUPA के कार्यक्रम के दौरान भाषण दे रहे बसु को घेर लिया। उन्होंने कुर्सियाँ फेंकी और कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की।
WBCUPA के अध्यक्ष ने क्या कहा
बसु, जो WBCUPA के अध्यक्ष हैं, ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों की निंदा की और कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। “यह गुंडागर्दी जारी नहीं रह सकती। मैं छात्रों के कुछ प्रतिनिधियों से बात कर सकता हूं। लेकिन अगर हर कोई अराजकता फैलाए तो यह मुश्किल है। हालांकि, मैं किसी भी उकसावे में नहीं आऊंगा। कुलपति उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो ऐसा कर रहे हैं,” बसु ने कहा।
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बसु ने आरोप लगाया
उन्होंने कहा, “अगर यह उत्तर प्रदेश में हुआ होता, तो क्या कोई छात्र संगठन ऐसा कर सकता था? आज की घटना के दौरान, हम पुलिस को बुला सकते थे। लेकिन मैंने एक भी पुलिसकर्मी को शैक्षणिक परिसर में प्रवेश करने से मना किया है।” बसु ने प्रदर्शनकारियों पर टीएमसी को चुनिंदा रूप से निशाना बनाने और भाजपा से सवाल न करने का आरोप लगाया। बसु ने आरोप लगाया, “जो लोग आज प्रोफेसरों पर हमला कर रहे हैं, उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में सैन्यीकरण के खिलाफ कितने कदम उठाए हैं? वे तृणमूल के प्रोफेसरों पर हमला करना चाहते हैं, लेकिन वे भाजपा के बारे में चुप रहते हैं।” तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने घटना और प्रोफेसरों पर हमले की निंदा की और फेसबुक पोस्ट में एसएफआई को ‘असभ्य’ करार दिया। उन्होंने कहा कि टीएमसी की उदारता को कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।
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क्यों पीटा जाना चाहिए?
उन्होंने लिखा, “जादवपुर में प्रोफेसर डॉ. प्रदीप मुखर्जी के साथ इस तरह की अभद्रता करने वालों और उन संगठनों की पहचान की जानी चाहिए। प्रदीप एक साफ-सुथरे सज्जन व्यक्ति हैं। कुछ असभ्य लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। तृणमूल के शिष्टाचार का मतलब कमजोरी नहीं है। उन्हें क्यों पीटा जाना चाहिए? शासक होने के नाते संयमित तो रहना ही चाहिए। लेकिन अगर अंधभक्ति सीमा पार कर जाए तो उसका मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।”
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