पिछले माह 15 जनवरी को हुए विमान हादसे के बाद पोखरा में पर्यटन उद्योग धराशायी है। यहां पीक सीजन दिसम्बर से मार्च तक माना जाता है। 15 जनवरी से पहले यहां के सभी होटल बुक थे। हादसे के बाद 90 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो चुकी है। काठमांडू-पोखरा फ्लाइट खाली जा रही है। सड़कों पर इक्का-दुक्का वाहन ही दिखाई दे रहे हैं। पोखरा में 4 फरवरी को पर्यटन और होटल व्यवसायियों के सम्मेलन में इस हालात पर चिंता जताई गई।
गण्डकी प्रदेश के मुख्यमंत्री के सामने पर्यटन और होटल व्यवसायी संघ ने अपना दुखड़ा रोया। संघ ने भारतीय पर्यटकों की कमी पर सबसे अधिक चिंता जताई। संघ ने कहा कि भारतीय पर्यटकों का विश्वास जीतने पर ही पोखरा के पर्यटन व्यवसाय को जिंदा रखा जा सकता है।
लोगों मे डर
पोखरा पर्यटन परिषद के अध्यक्ष ओम नारायण श्रेष्ठ ने कहा इस स्थिति के लिए मीडिया भी जिम्मेदार है। हादसे की स्थिति को भयावह दिखाने से पर्यटकों के दिल में डर घर कर गया है। होटल एसोसिएशन पोखरा के अध्यक्ष लक्ष्मण सुवेदी ने कोरोना के कारण दो साल तक पर्यटन व्यवसाय बिलकुल ठप रहा। अब स्थिति पटरी पर आई थी। एक हादसे से सब चौपट हो गया।
पहले काठमांडू-पोखरा के लिए रोज होती थीं 50 से अधिक उडानें
एयर लाइंस कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा दुर्घटना से पहले काठमांडू-पोखरा के लिए रोज 50 से अधिक उडानें होती थीं। अब यह आंकड़ा 15-20 के बीच है। यात्री कम होने पर दो विमानों के यात्रियों को एक में मर्ज करके भेजा जा रहा है। सम्मेलन में पहुंचे प्रतिनिधियों ने गण्डकी प्रदेश के मुख्यमंत्री खगराज अधिकारी से आग्रह किया कि भारतीय पर्यटकों का भरोसा जीतने के लिए भारत के अलग अलग प्रदेशों के मुख्यंत्रियों को पोखरा का भ्रमण करवाया जाए। अधिकारी ने कहा वह खुद भारत के राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित करेंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री पुष्प कमल से आग्रह करेंगे। सम्मेलन में इस बात पर चिंता जताई गई कि चीन ने कर्ज देकर पोखरा में अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तो बनवा दिया लेकिन इस वर्ष अपने नागरिकों के विदेश भ्रमण की सूची से नेपाल को हटा दिया।