वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को अपना 8वां बजट (8th Budget) पेश करेंगी। इसमें देश की धीमी होती विकास दर को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश करते हुए विविध मांगों को संतुलित किया जाएगा। बजट तैयार करने के अंतिम चरण को चिह्नित करने वाली पारंपरिक ‘हलवा सेरेमनी’ (Halwa Ceremony) शुक्रवार को आयोजित की गई।
यह बजट वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और धीमी होती घरेलू विकास दर के बीच आ रहा है। महंगाई से परेशान लोगों को आयकर में कटौती के रूप में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है और बेरोजगारों को रोजगार के नए अवसर मिलने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें – MUDA Case: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की पत्नी को ED ने भेजा समन, जानें क्या है मामला
आइए जानते हैं कि देशवासियों को इस बजट से क्या उम्मीदें होंगी।
सबसे बड़ी उम्मीद आयकर छूट है
आयकर का बोझ कम होना वेतनभोगी वर्ग की बड़ी उम्मीद है। निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग लंबे समय से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि केंद्रीय बजट में कुछ राहत मिलेगी। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के बजट पूर्व सर्वेक्षण से पता चला है कि 57 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाता बजट में आयकर में कटौती चाहते हैं। ज्यादातर लोग 10 लाख तक की सालाना आय को कर मुक्त करने की मांग कर रहे हैं। इससे बड़ी राहत मिलेगी।
वाणिज्यिक और निजी ईवी सब्सिडी की उम्मीद
केंद्र सरकार आम बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए कई घोषणाएं कर सकती है। क्रेडिफिन लिमिटेड के सीईओ शल्य गुप्ता को उम्मीद है कि सरकार ईवी को बढ़ावा देने के लिए बजट में ग्रीन बॉन्ड जारी करने की घोषणा कर सकती है। इस पैसे का इस्तेमाल ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में किया जा सकता है। वित्त मंत्री फेम योजना के विस्तार की भी घोषणा कर सकते हैं। इसके तहत वाणिज्यिक और निजी ईवी सब्सिडी दी जा सकती है और ईवी लोन पर कर लाभ की भी घोषणा की जा सकती है।
सरकार बढ़ा सकती है स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है। आपको बता दें कि स्टैंडर्ड डिडक्शन आपकी कर योग्य आय से काटी जाने वाली एक निश्चित राशि होती है। बोफास इंडिया के भारत और आसियान अर्थशास्त्री राहुल बाजोरिया ने कहा कि आयकर अधिनियम की धारा 87ए के तहत मिलने वाली छूट पर भी सबकी निगाहें रहेंगी। उम्मीद है कि सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर सकती है।
रोजगार के अवसर बढ़ाने पर रहेगा फोकस
आम नागरिकों को भी उम्मीद होगी कि केंद्रीय बजट 2025 में रोजगार सृजन के लिए भी कुछ प्रावधान किए जाएंगे। कृषि के बाद रियल एस्टेट सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करता है, जो राष्ट्रीय रोजगार का 18 फीसदी है। इस सेक्टर के 2047 तक 5.8 ट्रिलियन डॉलर (487 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंचने का अनुमान है, जो भारत की जीडीपी में 15.5 फीसदी का योगदान देगा। ऐसे में सरकार इस क्षेत्र में प्रयास कर सकती है।
देखें यह वीडियो –
Join Our WhatsApp Community