Robot Tax : बजट में हो सकता है रोबोट टैक्स का प्रावधान!

क्या देश में रोबोट टैक्स (Robot Tax) लग सकता है ? क्या इसका प्रावधान 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2024-25 में इसका प्रावधान हो सकता है? अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत भी इस सूची में अपना नाम रेखांखित करेगा ?

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कोमल यादव

क्या देश में रोबोट टैक्स (Robot Tax) लग सकता है ? क्या इसका प्रावधान 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2024-25 में इसका प्रावधान हो सकता है? क्या इसका प्रभाव रोजगार (Employment) पर पड़ेगा ? ये सारे सवाल इस लिए उठ रहे है क्योंकि बजट के पहले की गई परामर्श बैठक में इसकी चर्चा हुई। इस कारण समझा जा रहा है कि सरकार इस पर टैक्स को लागू करने के लिए सोच सकती है। इस टैक्स का सुझाव RSS के सहयोगी संगठन स्वदेशी जागरण मंच (Swadeshi Jagran Manch) ने दिया। इस टैक्स को लागू करना फायदेमंद होगा या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा।

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स्वदेशी जागरण मंच का सुझाव-

केंद्रीय बजट (Union Budget 2024) 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। इस बजट को लेकर स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार के सामने कई सुझाव रखे हैं, जिसमें रोबोट टैक्स का सुझाव भी शामिल है। उनका कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को अपनानेवाली कंपनियों पर यह लागू करना चाहिए क्योंकि उनके कारण कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ती है, और नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों को मदद पहुंचाना चाहिए। इसी के साथ स्वदेशी जागरण मंच ने यह भी मांग की है कि ज्यादा रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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क्या होता है रोबोट टैक्स ?

“रोबोट टैक्स” (Robot Tax) उन कंपनियों पर लागू होगा है, जो मानव श्रमिकों की जगह रोबोट जैसी स्वचालित तकनीकों का उपयोग करती हैं। इस कर के पीछे का विचार कंपनियों के आर्थिक और सामाजिक बोझ को कम करना है। इसमें नौकरी का विस्थापन और श्रमिकों की कम आय शामिल है। रोबोट कर से प्राप्त राजस्व का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि विस्थापित श्रमिकों के लिए पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रमों को वित्तपोषित करना, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का समर्थन करना या अन्य सार्वजनिक वस्तुओं में निवेश करना।

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रोबोट टैक्स: फायदा या नुकसान

रोबोट कर की अवधारणा ने हाल के वर्षों में ध्यान आकर्षित किया है, बिल गेट्स जैसे उल्लेखनीय व्यक्ति इसके पक्ष में हैं। सात साल पहले एक बयान में उन्होंने कहा था कि जो रोबोट इंसानों की नौकरियां छीन रहे हैं, उन्हें टैक्स देना चाहिए। इनके अलावा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) भी रोबोट टैक्स पर अपना रुख साफ कर चुका है। IMF का मानना है कि AI की वजह से लोगों की नौकरी पर फर्क पड़ेगा। आईएमएफ ने तर्क दिया है कि AI को सभी अर्थव्यवस्थाओं के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन और मजबूत सामाजिक ताने-बाने की आवश्यकता होगी।

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समर्थन में तर्क-

समर्थकों का तर्क है कि रोबोट कर स्वचालन के आर्थिक लाभों के अधिक न्यायसंगत वितरण को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है, जबकि विरोधियों का तर्क है कि यह नवाचार को बाधित कर सकता है और कंपनियों के लिए उत्पादकता बढ़ाने वाली तकनीकों को अपनाने के प्रोत्साहन को कम कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि, एक ओर जहां तकनीकी बेरोजगारी से लॉन्ग टर्म में उत्पादकता और आर्थिक विकास में वृद्धि हो सकती है, वहीं यह शार्ट टर्म में आय असमानता सहित महत्वपूर्ण चुनौतियां उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, रोबोट कर लागू करने में कई समस्याएं हैं। विरोधियों का कहना है कि लोगों के जॉब मार्केट से बाहर होने और उनकी जगह रोबोट द्वारा लिए जाने का सवाल चिंता का विषय है।

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टैक्स लागू करने वाले देश-

दक्षिण कोरिया (South Korea) एकमात्र ऐसा देश है, जहां रोबोट टैक्स लागू है। 2017 में, दक्षिण कोरिया ने ऑटोमेशन में निवेश के लिए कर प्रोत्साहन कम कर दिया था, जिससे रोबोट को अपनाने की लागत में प्रभावी रूप से वृद्धि हुई, जबकि अमेरिका (America) में, बिल गेट्स सहित कई राजनेताओं और विचारकों द्वारा रोबोट टैक्स की अवधारणा पर चर्चा की गई है। हालांकि, संघीय स्तर पर इस तरह के टैक्स को लागू करने के लिए कोई औपचारिक विधायी कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा अन्य देश जैसे ब्रिटेन (Britain), जापान (Japan) और कनाडा (Canada) में इस तरह के टैक्स की मांग उठने लगी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत (India) भी इस सूची में अपना नाम रेखांखित करेगा ?

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