कनाडा (Canada) में निज्जर हत्याकांड (Nijjar Murder Case) में बड़ा मोड़ आ गया है। कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार (Justin Trudeau Government) इस मामले में पीएम मोदी (PM Modi) पर लगाए गए आरोपों (Allegations) से पीछे हट गई है। कनाडा के ‘द ग्लोब एंड मेल अखबार’ (The Globe and Mail Newspaper) ने निज्जर हत्याकांड में पीएम मोदी के साथ-साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल और गृह मंत्री अमित शाह का नाम भी घसीटा था। अब ट्रूडो सरकार ने यू-टर्न लेते हुए इन सभी नेताओं के आपराधिक गतिविधियों से जुड़े होने के आरोपों को नकार दिया है।
बयान में आगे कहा गया है कि कनाडा सरकार के पास प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए अजीत डोभाल के कनाडा के भीतर किसी भी तरह की आपराधिक गतिविधि में शामिल होने का कोई सबूत नहीं है, न ही उसे इसकी जानकारी है।
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भारत सरकार की प्रतिक्रिया क्या थी?
भारत ने इस रिपोर्ट का कड़ा विरोध किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इस तरह के आरोप हास्यास्पद हैं और इनका उचित जवाब दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, इस तरह का बदनाम करने वाला अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाता है। जायसवाल कनाडाई अखबार द ग्लोब एंड मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
कनाडा में हुई थी निज्जर की हत्या
बता दें कि जून 2023 में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, अभी तक इस बात से पर्दा नहीं उठ पाया है कि इस हत्या को किसने अंजाम दिया है। बता दें कि निज्जर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करता था। भारत ने कई बार निज्जर के प्रत्यर्पण की मांग की थी, लेकिन कनाडा ने न सिर्फ उसे शरण दी बल्कि नागरिकता भी दी।
भारत-कनाडा संबंधों पर असर
ट्रूडो के भारत के खिलाफ बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। नतीजतन, भारत ने कनाडा के साथ व्यापार वार्ता स्थगित कर दी और कूटनीतिक गतिविधियों को कम कर दिया। इसका असर दोनों देशों के बीच चल रहे व्यापार समझौतों पर भी पड़ा।
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