सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत (Interim Bail) दी थी। उन्हें 2 जून को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) लौटना होगा। हालांकि, अब अरविंद केजरीवाल की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में नई याचिका दायर की गई है, जिसमें मांग की गई है कि अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ा दी जाए।
दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने ईडी के इस दावे को खारिज कर दिया कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि प्रचार करने का कोई मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने सशर्त अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह उपराज्यपाल की सहमति के बिना फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जाएंगे और कैबिनेट बैठकों में भाग नहीं लेंगे। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय में नई याचिका दायर की है।
जेल क्यों नहीं जाना चाहते केजरीवाल?
बता दें कि 17 मई को अपने मुंबई दौरे के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि वह वापस जेल जाएंगे, याद दिला दें कि 17 मई को मुंबई में दो बैठकें हुई थीं, एक भाजपा की जिसमें खुद प्रधानमंत्री मोदी आए थे और भाजपा और एनडीए के उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था। वहीं, इंडी गठबंधन ने मुंबई के बीकेसी मैदान में एक सभा का आयोजन किया था, जिसमें महाविकास आघाड़ी के नेता और इंडी गठबंधन के नेता आए थे। इसी बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था, ”मैं 2 जून को वापस जेल जाऊंगा, अगर आप लोग चाहते हैं कि मैं आपके बीच रहूं तो इंडिया अलायंस को वोट दें।” लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि केजरीवाल जेल नहीं जाना चाहते, वह दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी हैं, इसलिए डरे हुए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में क्या कहा गया है?
अरविंद केजरीवाल ने सर्वोच्च न्यायालय में नई याचिका दायर की है। इसमें अंतरिम जमानत को सात दिन और बढ़ाने की मांग की गई है। सीएम केजरीवाल को PET और CT स्कैन के साथ कई अन्य टेस्ट भी करवाने की जरूरत बताई जा रही है और यही कारण है कि सीएम केजरीवाल ने कोर्ट से 7 दिन अंतरिम बेल बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने इन सभी जांचों के लिए सात दिन का समय मांगा है। इसलिए इस याचिका में अनुरोध किया गया है कि अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी जाए।
इस बीच, सर्वोच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल की जेल से रिहाई ने दिल्ली में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल की रिहाई को बड़ी जीत बताया। बाहर आते ही अरविंद केजरीवाल ने रैलियों, इंटरव्यू और सभाओं को संबोधित कर जोरदार प्रचार किया। इस दौरान भाजपा की जमकर आलोचना हुई। साथ ही अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी की कि अगर केंद्र में दोबारा भाजपा की सरकार आई तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जाएगा और एक साल बाद अमित शाह प्रधानमंत्री बनेंगे।
ईडी ने केजरीवाल को क्यों गिरफ्तार किया?
दिल्ली शराब घोटाला मामले में जांच के लिए ईडी ने अरविंद केजरीवाल को 9 समन जारी किए। लेकिन सीएम केजरीवाल कभी भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 10वें समन के साथ 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ईडी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के मुख्य मास्टरमाइंड हैं और उन्होंने शराब कारोबारियों से रिश्वत मांगी थी।
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