Badlapur Case: स्कूल प्रशासन के खिलाफ केस क्यों दर्ज नहीं? बॉम्बे हाई कोर्ट ने बादलपुर पुलिस को लगाई फटकार

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि अगर स्कूल ही सेफ नहीं है तो शिक्षा के अधिकार और बाकी चीजों की बात करने का क्या मतलब। हाई कोर्ट ने मामले की जानकारी छिपाने के आरोप में स्कूल प्रशासन के खिलाफ पॉक्सो के तहत केस दर्ज करने को कहा है।

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बदलापुर (Badlapur) में दो स्कूली लड़कियों के यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के मामले की सुनवाई (Hearing) बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) कर रही है। इस सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने बदलापुर पुलिस (Badlapur Police) को फटकार लगाई है। बदलापुर पुलिस पर मामले में ढिलाई बरतने और देरी करने का आरोप लगाया गया है। सिर्फ निलंबन से क्या होगा? साथ ही हाई कोर्ट ने बदलापुर पुलिस को फटकार (Reprimand) लगाते हुए पूछा है कि इस मामले में अब तक दूसरी लड़की का बयान क्यों दर्ज नहीं किया गया है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के समक्ष सुनवाई चल रही है। बदलापुर मामले की सुनवाई में एसआईटी प्रमुख आईपीएस अधिकारी आरती सिंह, बदलापुर के पुलिस उपायुक्त सुधाकर पठारे मौजूद हैं।

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कोर्ट ने पुलिस से पूछे कई सवाल
पोक्सो अधिनियम के प्रावधानों के बारे में क्या? बॉम्बे हाई कोर्ट ने एडवोकेट जनरल से की पूछताछ। इस बार बदलापुर पुलिस की भूमिका हाई कोर्ट के निशाने पर आ गई है ,सिर्फ निलंबन से क्या होगा? क्या कानून का पालन किया गया? क्या भारतीय दंड संहिता में वीडियो रिकार्डिंग की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है? ये सवाल हाई कोर्ट ने पूछा है।

मामला गंभीर है और सरकार ऐसे मामलों को हल्के में नहीं ले सकती
हाई कोर्ट से की गई वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाने की मांग इस मामले में अभी तक दूसरी लड़की का बयान दर्ज नहीं किया गया है, इसलिए कोर्ट ने बदलापुर पुलिस के काम पर निशाना साधा है। हाई कोर्ट ने कहा कि मामला गंभीर है और सरकार ऐसे मामलों को हल्के में नहीं ले सकती। सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अब तक पुलिस क्या कर रही थी?
कोर्ट ने अगली सुनवाई में पुलिस द्वारा की गई वीडियो रिकॉर्डिंग दिखाने का आदेश दिया। हाई कोर्ट ने इस बात पर संज्ञान लिया कि घटना की जानकारी होने के बावजूद स्कूल प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। हाईकोर्ट ने सरकार को पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस सुनवाई के दौरान दूसरी लड़की के माता-पिता का बयान हाई कोर्ट में पेश किया गया। यह प्रतिक्रिया आज दर्ज की गई है। इसलिए हाई कोर्ट ने हैरानी जताई। इतने दिनों तक पुलिस क्या कर रही थी? कोर्ट ने इतनी देर से जवाब दाखिल करने पर सरकार को जमकर फटकार लगाई। घटना 16 तारीख को सामने आई और जवाब 22 तारीख को दर्ज किया गया। क्या हो रहा है कोर्ट ने पुलिस से सवाल किये।

एफआईआर में स्कूल प्रशासन दोषी
इस सुनवाई के दौरान दोनों लड़कियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि उनके कपड़े पुलिस ने जब्त कर लिये हैं। स्कूल की प्रशासनिक खामियों को लेकर प्रशासक नियुक्त किया गया है। हाई कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में स्कूल प्रशासन की गलती है। पोक्सो के तहत कार्रवाई के बारे में क्या? ये सवाल हाई कोर्ट ने पूछा। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। महाधिवक्ता ने लड़की की काउंसलिंग को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में कोर्ट को बताया। जैसे ही महाधिवक्ता ने लड़की के माता-पिता का नाम लिया, अदालत ने उन्हें जब्त कर लिया। (Badlapur Case)

देखें यह वीडियो – 

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