प्यारी सूरत, करम थे खोटे… राजस्थान में रंगे हाथों पकड़ी गई वो अधिकारी

कोरोना काल में रेमडेसवीर जैसे अति आवश्यक इंजेक्शन के वितरण की जिम्मेदारी जिस ड्रग इंस्पेक्टर को दी गई थी, वह घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हो गई।

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राजस्थान के जयपुर में औषधि प्रतिष्ठानों से धन उगाही के भ्रष्ट कारोबार पर कार्रवाई हुई है। इसमें एक महिला औषधि निरिक्षक (ड्रग इस्पेक्टर) को पकड़ा गया है, जिस पर आरोप है कि वह लंबे काल से भ्रष्टाचार में लिप्त थी।

महिला ड्रग इंस्पेक्टर सिंधु कुमारी पर जयपुर के 500 औषधि विक्रेताओं की जिम्मेदारी थी। उस पर लंबे काल से धन उगाही करने का आरोप लग रहा था। औषधि विक्रेताओं से भी शिकायतें मिल रही थी कि, अधिकारी प्रतिमाह 5 हजार रुपए प्रति औषधि विक्रेता वसूलती है। इसी से परेशान होकर एक दुकानदार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से शिकायत कर दी।

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सात दिनों तक पीछे लगी थी एजेंसी
औषधि विक्रेताओं के अनुसार मैडम को दुकान में छोटे काम या बदलाव के भी पैसे चाहिये होते हैं। इसमें दुकान में कोई कर्मचारी भी रखना होता था, तो उन्हें जानकारी देनी होती है, इसके बदले वे पैसे मांगती थी। कई बार कहती थीं, आज तक किसी दुकान की जांच नहीं की है, घर आकर पैसे दे जाओ।

इन शिकायतों को सुनकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने सात दिनों तक जांच की और आरोपों को सही पाया। जिसके बाद पैसे मांगनेवाली ड्रग इंस्पेक्टर को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आरोपी अधिकारी को एक होटल में पैसे लेने के लिए बुलाया और पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।

पहले भी मिलती थी शिकायत
वर्ष 2020 में भी सिंधु कुमारी के विरुद्ध शिकायतें मिल रही थीं। इसके लिए कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सोशल मीडिया पर शिकायत की थी।

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