– अमन दुबे
लोकसभा (Lok Sabha) के बाद राज्यसभा (Rajya Sabha) में भी लंबी बहस के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) पारित हो गया। संशोधित वक्फ विधेयक संपत्तियों (Properties) के प्रबंधन और नियमन में कई बदलाव लेकर आया है। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सरकारी निगरानी में लाने और पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर देता है। विधेयक के कानून बन जाने के बाद भी मुसलमान वक्फ बना सकेंगे, लेकिन सख्त नियमों और शर्तों का पालन करना होगा।
क्या है वक्फ?
वक्फ एक अरबी शब्द है। इसका मतलब है, ईश्वर के नाम पर दी गई कोई वस्तु या संपत्ति। इसे दान के उद्देश्य से दिया जाता है। कोई भी मुसलमान अपनी चल और अचल संपत्ति वक्फ को दान कर सकता है। अगर किसी संपत्ति को एक बार वक्फ का घोषित कर दिया जाता है, तो उसे दोबारा गैर-वक्फ संपत्ति नहीं बनाया जा सकता।
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यूपीए सरकार ने दिया असीमित अधिकार
देश में पहला वक्फ अधिनियम 1954 में बना था। इसके तहत वक्फ बोर्ड का गठन किया गया था। इसका उद्देश्य वक्फ के कामकाज को सरल बनाना था। पहला संशोधन 1955 में किया गया था। 1995 में नया वक्फ कानून बनाया गया। इसके तहत राज्यों को वक्फ बोर्ड बनाने का अधिकार दिया गया। वर्ष 2013 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में संशोधन कर धारा 40 जोड़ी गई। इसमें बोर्ड को असिमित अधिकार दे दिए गए।
उप्र में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां
वक्फ संपत्तियों के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। राज्य में 1.5 लाख वक्फ संपत्तियां हैं, जो देश की कुल संपत्तिों के 20 प्रतिशत से ज्यादा है। हालांकि, संपत्तियों के मूल्य के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। राज्य में वक्फ की 40 प्रतिशत जमीन खेती योग्य है।
हर जिले में अवैध वक्फ संपत्ति
उत्तर प्रदेश में 57792 सरकारी संपत्तियां अवैध रूप से वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज हैं। इनका क्षेत्रफल 11712 एकड़ है। स्वतंत्रता के बाद से ही उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के नाम पर बड़ा खेल खेला जाता रहा है। उप्र के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार, वक्फ बोर्ड ने सार्वजनिक उपयोग की जमीनों को भी वक्फ में दर्ज कर दिया है। यहां तक कि रामपुर और हरदोई समेत कई जिलों में निजी जमीनों को भी गलत तरीके से वक्फ संपत्ति में दर्ज करने के मामले सामने आए हैं।
कुल 1,24,720 वक्फ संपत्ति
दरअसल, यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद ने वक्फ संपत्तियों की जानकारी देते हुए बताया था कि यूपी में कुल 1,24,720 वक्फ संपत्तियां हैं। इनमें से 1,19,451 सुन्नी वक्फ बोर्ड और 5,269 शिया वक्फ बोर्ड के पास हैं।
मुख्यमंत्री योगी – ट्ववीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 के पारित होने पर सभी को बधाई देते हुए योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के साथ ही वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जों और भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने में कारगर सिद्ध होगा।’’ मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘‘देश की संप्रभुता को सुदृढ़ करते इस लोक-कल्याणकारी प्रयास हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी का कोटिश: आभार।’’
विवादित वक्फ जमीनों पर नकेल?
वक्फ संशोधन विधेयक पारित होते ही योगी सरकार ने वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से घोषित संपत्तियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अभियान चलाकर ऐसी वक्फ संपत्तियों को चिन्हित करें, जो राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं हैं और जिन्हें नियमों के विरुद्ध वक्फ घोषित किया गया है। इन संपत्तियों को चिन्हित करने के बाद जब्तीकरण की आगे की कार्रवाई की जाएगी।
2014 में प्राप्त आंकड़ो पर आधारित जानकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ये आंकड़े बोर्ड द्वारा 2014 तक दी गई जानकारी पर आधारित हैं। इसमें हापुड़ और संभल जिलों का नाम शामिल नहीं है। ऐसे में यूपी में वक्फ की जमीन इस आंकड़े से कहीं ज्यादा होगी। जानकारों का कहना है कि वक्फ कानून लागू होने के बाद विवादित जमीनों पर नए तरीके से लगाम लगेगी।
संपत्तियों का रखरखाव कौन करता है?
वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है। देशभर में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं। हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड है। यूपी और बिहार में दो शिया वक्फ बोर्ड भी हैं। वक्फ बोर्ड एक कानूनी इकाई है। यह संपत्ति के अधिग्रहण और प्रबंधन का काम देखता है। वक्फ संपत्ति न तो बेची जा सकती है और न ही पट्टे पर दी जा सकती है।
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