उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी), जोधपुर में 07 अक्टूबर को किसानों (farmers) व वैज्ञानिकों से संवाद किया। धनखड़ ने कहा कि किसानों के बिना देश में बदलाव संभव नहीं है, किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, बदलाव किसानों को लाना है और उसके अनुरूप बदलना भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदलाव के प्रमुख केंद्र है।
कृषि उत्पाद सबसे बड़ा व्यापार
धनखड़ ने कहा कि कृषि उत्पाद (Agricultural products) आज सबसे बड़ा व्यापार है। उन्होंने आह्वान किया कि युवाओं को कृषि व्यापार (agricultural business) में लगाया जाएं, जो किसानों का एरिया है, लेकिन इस पर उनका ध्यान केंद्रित नहीं हुआ। आज कई उच्च शिक्षित युवा उन कृषि उत्पादों का व्यापार कर रहे हैं, जो किसानों की कड़ी मेहनत से उपजते हैं। किसानों द्वारा कृषि उत्पादों के व्यापार को अपने दायरे में लेने पर बहुत बड़ा बदलाव आएगा। धनखड़ ने कहा कि जी 20 में जहां भारत का डंका बजा, दुनिया के देशों ने देखा कि भारत कितना बदल गया है, इतनी बड़ी वैश्विक ताकत बनी, उसमें एक फैसला हुआ, जो किसान परिवारों के लिए ज़रूरी है, वह है एक आर्थिक कॉरिडोर- भारत, मिडिल र्ईस्ट और यूरोप। हजारों साल पहले यह कॉरिडोर था, जिसकी दोबारा शुरूआत हो रही है। किसान बदलाव को गले लगाएं, टेक्नालाजी अपनाएं। किसान अपने उत्पादों को सीधे न देकर उसमें कुछ न कुछ वैल्यू एडिशन करें, तो इससे क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह आसान है, संभव भी है क्योंकि सरकार की नीतियां सकारात्मक है व दूरगामी परिणाम देने वाली हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति काफी बेहत्तर होगी।
दूर की सोचकर भागीदारी निभाएं किसान पुत्र
उपराष्ट्रपति ने कहा कि निर्यात के लिए भी किसानों के बेटे-बेटियां आगे आएं, क्योंकि वे ही इसे पैदा करते हैं। दूर की सोचकर अपनी भागीदारी निभाएं। कृषि के साथ कृषि व्यापार एवं कृषि निर्यात भी किसानों द्वारा करने से बड़ा अवसर कोई हो नहीं सकता। धनखड़ ने कहा कि किसानों की कड़ी मेहनत के कारण आज शुष्क क्षेत्र में भी अनार, खजूर, अंजीर, जीरा जैसे उत्पाद उगाए जा रहे है, जिसका और ज्यादा फायदा किसानों को स्वयं व्यापार व निर्यात करने से मिलेगा। उपराष्ट्रपति ने अपने स्तर पर किसानों के लिए हर सकारात्मक सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने में हमारे किसानों का बहुत बड़ा योगदान होगा।
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