आईपीएल टी20: न दर्शक, न थिरकन, फिर ये कैसा खेल?

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यूएई। आईपीएल के दीवानों का इंतजार खत्म होने में अब मात्र कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं। 19 सितंबर से आईपीएल टी-20 के इस सीजन का आगाज होने जा रहा है। इस बार इसका आयोजन संयुक्त अरब अमीरात( यूएई) में हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण आईपीएल-13 के मैच बिना दर्शक के बंद स्टेडियम में खेले जाएंगे। इसके साथ ही इस बार ओपनिंग सेरेमनी के रंगीन नजारे देखने को नहीं मिलेंगे और ना चीयरलीडर्स के जलवे ही होंगे।
51 दिन तक चलेगा टूर्नामेंट
19 सितंबर से शुरू हो रहा आईपीएल-13 का फाइनल 10 नंवबर को खेला जाएगा। इसमें कुल आठ टीमें हिस्सा ले रही हैं और सभी 14-14 मैच खेलेंगी। इसके सभी मैच य़ूएई के तीन शहरों अबु धाबी, शारजाह और दुबई में खेले जाएंगे। 51 दिन तक चलनेवाले इस टूर्नामेंट के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर और भी कई तरह की बंदिशें रहेंगी। हालांकि बाद में कुछ खास लोगों को मैच के दौरान स्टेडियम में बैठने की इजाजत दी जा सकती है।
कॉस्ट कटिंग का फंडा
आईपीएल-13 जहां कोरोना संक्रमण के साये में आयोजित किया जा रहा है, वहीं इससे कमाई भी कम होना निश्चित है। इसलिए क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया और आईपीएल ने इसकी कॉस्ट कटिंग पर भी ध्यान रखा है। इसके साथ ही इस बार इसकी धमाकेदार और शानदार ओपनिंग सेरमनी नहीं किए जाने के पीछे बीसीसीआई का एक पहले ही लिया गया अहम फैसला है। दरअस्ल इस साल का आईपीएल का आगाज 29 मार्च से होनेवाला था। उसी समय बीसीसीआई ने यह ऐलान किया था कि इस सीजन में हम ओपनिंग सेरमनी पर पैसा खर्च नहीं करेंगे और उस पैसे से पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिजनों की मदद की जाएगी।
भारत में 7.30 बजे से देख सकेंगे दर्शक
19 सितंबर को इसका आगाज अबू धावी के स्टेडियम में होगा। इसका पहला मैच मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच वहां के समय के अनुसार शाम 8 बजे होगा, जबकि भारत में इसे शाम 7.30 बजे से देखा जा सकता है।
ओपनिंग मैच अबु धाबी के शेख जाएद स्टेडियम में हाोगा। यह मैदान 2004 में 100 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ था। पहला इंटरनेशनल मैच 2006 में भारत-पाक के बीच खेला गया था। शेख जाएद स्टेडियम में 13 टेस्ट, 46 वनडे और 45 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले गए हैं। भारत ने यहां कोई टी20 नहीं खेला है।
दर्शकों के बगैर खिलाड़ियों को कैसा लगेगा?
किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा, कि बंद स्टेडियम में बिना दर्शक के भी क्रिकेट खेला जा सकता है,क्योंकि क्रिकेटरों को हौसला बढ़ाने में दर्शकों का काफी अहम योददान होता है। पीच पर खेल रहे क्रिकेटरों से ज्यादा जोश और जुनून दर्शकों में देखा जाता है और इससे क्रिकेटरों में भी और बेहतर प्रदर्शन करने का जोश पैदा होता है।
पिछले 12 सीजन बेहद कामयाब
आईपीएल के पिछले बारह सीजन बेहद कामयाब रहे हैं। दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम इसकी गवाही देते रहे हैं। मैच से पहले स्टेडियम में जाने के लिए दर्शकों की लंबी-लंबी कतारें, बस में आती-जाती टीम के खिलाड़ियों को देखने के लिए शोर मचाते लोगों का जमघट, अपनी पसंदीदा टीम का हौसला बढ़ाने के लिए उसी टीम की जर्सी पहने समर्थक, ढोल-मंजीरे और दूसरे वाधयंत्रों के साथ हाथ में हाथ डाले नाचते आईपीएल के दीवानों के साथ चीयर लीडर्स, मैदान में हर चौके- छक्के और आउट होते खिलाड़ियों पर बजता फिल्मी संगीत ये सब काफी शानदार रहे हैं। लेकिन इस बार यह सब देखने को नसीब नहीं होगा।
क्रिकेटरों को दिखाना होगा दमः अयाज मेमन
क्रिकेट समीक्षक अयाज मेमन का कहना है कि इस बार दर्शक सामने नहीं होंगे और खिलाड़ियों को अलग-अलग होटलों में रखा जाएगा। इस वजह से उनकी आपस में मुलाकात भी कम होगी। निश्चित रुप से आईपीाएल का अबतक का जो फ्लेवर रहा है, उससे यह बिलकुल अलग होगा। अब आईपीएल मेले जैसा नहीं लगेगा। लेकिन क्रिकेट खेलने में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि जिस तरह इंग्लैंड में क्रिकेट हो रहा है या कैरेबियन प्रीमियर लीग, इन सबमें अच्छा खासा संघर्ष देखने को मिला है। कभी ऐसा नहीं लगा कि खिलाड़ी अपना सौ प्रतिशत नहीं दे रहे हैं। खिलाड़ियों को भी शायद समझ में आ गया है कि दम लगाकर खेलना होगा वर्ना क्रिकेट को फिर से वापस लाने की कोशिश नाकाम हो सकती है।
आईपीएल का दूसरा नाम इंडियन पैसा लीग
आईपीएल की लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह इसमें पैसा और ग्लैमर है। यहां एक टूर्नामेंट खेलकर ही खिलाड़ी करोड़पति बन जाते हैं। वहीं, बीसीसआई और फ्रेंचाइजी टीमों की भी जमकर कमाई होती है। असल में आईपीएल को बिजनेस के लिए ही डिजाइन किया गया है। इसलिए बाजार के एक्सपर्ट इसे आईपीएल नहीं बल्कि ‘इंडियन पैसा लीग’कहते हैं।
बीसीसीआई की आय
वित्त वर्ष 2018 की बैलेंसशीट के अनुसार सभी 8 फ्रेंचाइजी टीमों को 50 फीसदी रेवेन्यू शेयर करने के बाद बीसीसीआई को इससे 2000 करोड़ का लाभ हुआ था। आईपीएल के पहले सीजन 2008 में आईपीएल से बीसीसीआई की आय 350 करोड़ रुपए थी। 2016 में फिर से बीसीसीआई को 1200 करोड़ रुपए मिले थे। साफ है कि बीसीसीआई के लिए आईपीएल बड़ा फायदे का सौदा है।
करोड़ो खर्च करके कितनी होगी कमाई
इस बार का आईपीएल बिलकुल अलग है और पिछले 12 सीजन की तरह इससे आय संभव नहीं है। इस बार चायनीज कंपनी वीवो की जगह ड्रीम 11 आधिकारिक स्पॉन्सर है। वीवो जहां इसके लिए बीसीसीआई को 440 करोड़ का भुगतान करती थी, वहीं ड्रीम 11 से यह करार 222 करोड़ में हुआ है। इसी तरह इस बार टिकट नहीं बिकेंगे और न स्टेडियम की कुर्सियों पर स्पॉसंर्स के स्टीकर लगेंगे। इन कारणों से इस बार बीसीसीआई को अधिकतम कमाई टीवी पर प्रसारण अधिकार और स्पॉन्सर्स से ही होगी।

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