अक्टूबर को महिलाओं की व्यक्तिगत गोल्फ स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। शुरुआती तीन राउन्ड तक अदिति बढ़त बनाए हुए थीं लेकिन अंतिम समय में उनका कुछ शॉट इधर-उधर चले जाने से वह थोड़ा पीछे हो गईं।
25 वर्षीय अदिति वेस्ट लेक इंटरनेशनल गोल्फ कोर्स में 67-66-61-73 के राउंड के साथ 17-अंडर के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। वो थाईलैंड की अर्पिचया युबोल से पीछे रह गईं, जिन्होंने 67-65-69-77 राउंड के साथ 19-अंडर के साथ स्वर्ण पदक जीता। दक्षिण कोरिया के ह्यूंजो यू ने 16-अंडर और 67-67-68-65 राउंड के साथ कांस्य पदक जीता।
शिव कपूर ने स्वर्ण पदक जीता था
शिव कपूर के बाद अदिति अशोक एशियन गेम्स गोल्फ में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय और पहली महिला भी बनीं। 2002 के बुसान एशियन गेम्स में शिव कपूर ने स्वर्ण पदक जीता था।
इंडियन गोल्फ यूनियन के प्रेसीडेंट बृजिंदर सिंह अदिति अशोक को उनके ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है। वहीं, आईजीयू प्रेसीडेंट बृजिंदर सिंह ने कहा कि “यह एक लंबा इंतजार रहा है। प्रोफेशनल्स को खेलने की अनुमति मिलने से कंपीटीशन कठिन हो गया। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद अदिति की यह ऐतिहासिक और शानदार जीत है। अदिति को बहुत बहुत बधाई।” वहीं प्रतियोगिता में भारत के अन्य दो प्रतिभागी प्रणवी यूआरएस शरथ और अवनी प्रशांत क्रमशः 12वें और 17वें स्थान पर रहे।
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एशियाई खेलों के इतिहास में भारत के पास फिलहाल गोल्फ में सात पदक (तीन स्वर्ण और चार रजत) हैं। 2010 के गुआंगज़ौ खेलों में राहुल बजाज, अभिजीत सिंह चड्ढा और राशिद खान और अभिनव लोहान की तिकड़ी के रजत पदक जीतने के बाद भारत ने एशियाई खेलों में गोल्फ पदक के लिए अपना 13 साल का इंतजार भी समाप्त कर दिया।
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