कोविड-19 की आड़ में इंग्लैंड की तानाशाही का भारत ने फिर उसी की भाषा में उत्तर दिया है। हॉकी इंडिया की ओर से कहा गया है कि यूरोप में इंग्लैंड कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित देश है, ऐसी गंभीर परिस्थिति में खिलाड़ियों को वहां भेजना बड़ा खतरा है। इसके साथ ही वर्ष 2022 में बर्मिंघम में होनेवाले राष्ट्रमंडल खेलों से भारतीय पुरुष व महिला टीमों ने नाम वापस ले लिया है। भारत के इस निर्णय को जैसे को तैसा उत्तर माना जा रहा है।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंबगोम ने एक पत्र भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि, बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों और हांग्झू में होनेवाले एशियाई खेलों के बीच मात्र 32 दिनों का अंतर है। राष्ट्रमंडल खेल 28 जुलाई से 8 अगस्त 2022 को होने हैं। जबकि, हांग्झू एशियाई खेल 10 सितंबर से 25 सितंबर 2022 के बीच होने हैं। यूरोप में ब्रिटेन कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित देशों में रहा है। एशियाई खेल ही 2024 के पेरिस ओलंपिक खेलों में प्रवेश के लिए क्वालिफिकेशन प्रतियोगिता है। इस प्राथमिकता को देखते हुए हॉकी इंडिया राष्ट्रमंडल खेलों में अपने खिलाड़ी भेजकर किसी खिलाड़ी के कोविड-19 संक्रमित होने का खतरा नहीं ले सकता है।
इंग्लैंड की चाल
भारत में 24 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच जूनियर हॉकी विश्व कप मैच होने जा रहे हैं। इस टूर्नामेंट से 4 अक्टूबर, 2021 को इंग्लैंड ने अपना नाम वापस ले लिया। यह मैच ओडिशा में होने हैं। इंग्लैंड ने अपने पत्र में लिखा है कि, भारत ने इंग्लैंड के नागरिकों के लिए 10 दिनों का क्वारंटाइन अनिवार्य रखा हुआ है, इसलिए उनका जूनियर हॉकी दल जूनियर हॉकी विश्व कप से अपना नाम वापस लेता है।