शुक्रवार (22 मार्च) से शुरू हो रहे आईपीएल (IPL) में दो अहम नियम बदलाव किए गए हैं। एक तो यह कि अब एक ओवर (Over) में दो बाउंसर (Two Bouncers) की अनुमति होगी। थर्ड अंपायर (Third Umpire) द्वारा दिए गए फैसलों को अधिक सटीक बनाने के लिए अब डीआरएस सिस्टम (DRS System) में स्मार्ट रीप्ले सिस्टम (Smart Replay System) जोड़ा जाएगा। बीसीसीआई (BCCI) ने इन दो नियमों में बदलाव की इजाजत दे दी है।
इम्पैक्ट प्लेयर नियम पिछले सीज़न से लागू किया गया था। वह नियम इस सीजन भी जारी रहेगा। टूर्नामेंट का पहला मैच शुक्रवार को चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच खेला जाएगा।
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टेस्ट और वनडे क्रिकेट में एक ओवर में दो बाउंसर फेंके जा सकते हैं। उसके बाद की प्रत्येक बाउंसर को नोबॉल माना जाता है। लेकिन, टी20 क्रिकेट में अभी भी एक ओवर में एक बाउंसर का नियम है। लेकिन, इससे गेंदबाज के पास बल्लेबाज को रोकने के कम विकल्प बचते हैं और बल्लेबाजों के लिए खेल कठिन हो जाता है। लेकिन, अब बीसीसीआई ने ये प्रयोग आईपीएल में करने का फैसला किया है। बीसीसीआई इससे पहले घरेलू टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक टी20 टूर्नामेंट में भी इस नियम का परीक्षण कर चुका है।
इसके अलावा, स्मार्ट रीप्ले सिस्टम टीवी अंपायर को हॉक-आई का लाइव प्रसारण प्राप्त करने की अनुमति देगा। और उनमें पहले की तुलना में अधिक वीडियो एंगल और स्प्लिट स्क्रीन विकल्प होंगे। इसलिए थर्ड अंपायर का फैसला सटीक होगा। आईपीएल मैचों के दौरान मैदान पर आठ हॉक-आई कैमरे लगाए जाएंगे। और अगर मैदान पर कोई अपील होती है, तो ये कैमरे तुरंत अपनी छवि अंपायरों को भेज देंगे। इससे निर्णय की गति भी बढ़ेगी।
अब विकेटकीपर द्वारा लिए गए कैच और विकेटों के बीच फैसले के लिए स्मार्ट रीप्ले सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकेगा। आईसीसी ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्टॉप क्लॉक नियम पेश किया है कि मैच जल्दी खत्म हो जाएं। इसके मुताबिक, दो ओवर और दो गेंद में गेंदबाजी करने वाली टीम को एक निश्चित संख्या में ही सेकंड मिलते हैं। लेकिन, बीसीसीआई ने यह नियम आईपीएल में नहीं रखा है।
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