उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में धांधली कुछ नया विषय नहीं है। बीते कई सालों से इससे कई होनहार व प्रतिभाशाली खिलाड़ी टीम में अपना स्थान नहीं बना पाए हैं। जबकि कथित धांधली से की जा रही चयन प्रक्रिया में कई सालों से प्रतिभाशाली क्रिकेटरों के बजाय रसूखदार लोगों के बच्चेे ही टीम का प्रतिनिधित्व करते नजर आ रहे हैं।
इसी साल अंडर-19 में सूबे के एक कैबिनेट मन्त्री का लड़का चयन प्रक्रिया में शामिल हुए बिना ही टीम में शामिल किया गया, जबकि बीते कई सालों से चयनकर्ताओं के दल के एक सदस्य के मित्र का लड़का कुणाल यादव टीम में शामिल ही नहीं बल्कि प्लेइंग इलेविन का हिस्सा भी है।
सूबे के कई प्रतिभाशाली क्रिकेटरों ने भरे मन से अब चयनकर्ताओं पर ही आरोप लगाने शुरु कर दिए हैं। ये बात अलग है कि वे अपना विरोध खुलकर प्रकट नहीं कर पाते। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की चयन समिति के मुखिया अरविन्द कपूर के सच्चे मित्र व रेलवे विभाग में कार्यरत संजय यादव के पुत्र कुणाल यादव बीते कई सालों से जूनियर व सीनियर टीम का हिस्सा हैं और वह सीधे तौर पर टीम में शामिल होते आ रहे हैं जबकि उनका प्रदर्शन भी टीम को मैच जिताने में उतना सहायक नहीं रहा। यही नहीं, उन्नाव व बांदा जैसे छोटे जिलों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को टीम में शामिल होने का मौका ही नहीं मिल रहा। इस बारे में कई अभिवावकों ने यूपीसीए के अधिकारियों से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई लेकिन उसका हल निकलते नहीं दिखाई दे रहा है।
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